गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, गाँधी जयंती (Movie on Indian History) के साथ हम लोगों का भारतीय जागने लगता है। हमारी ख़ामोशी हमें इन दिनों देशभक्ति का एहसास दिलाती है, देशभक्ति के जो गाने लोगों की प्ले लिस्ट में नजरअंदाज होते हैं, इन दिनों लोगों के बीच में बजाते हैं।
इस दौरान जो टीवी चैनल्स पूरे साल फूहड़ता परोसते हैं, वे भी देशभक्ति की फिल्में दिखाकर खानापूर्ति करते नजर आते हैं। आखिर फिल्में ही तो हैं जिनके जरिए हम लोग देशभक्ति की भावना महसूस करते हैं। इस फॉर्मूले को सिनेमा जगत हमेशा से ही भुनाता आया है, समय समय पर इसके तरीके बदलते रहे हैं।
हमेशा से ही फिल्मों में देशभक्ति को केवल एक तड़के की तरह इस्तेमाल किया जाता है, मौजूदा समय की सच्चाई यही है। फिल्मों में देशभक्ति अलग-अलग तरीके से दिखाई जाती रही है, बेहतरीन फिल्मों को उदाहरण के रूप मैं देखा जा सकता है।
देखते हैं भारतीय सिनेमा में देशभक्ति के अलग-अलग रूप :
- किस्मत (1943) भारत की पहली देशभक्ति फिल्म जो 1943 में आई थी। दूर हटो ऐ दुनिया वालों हिन्दुस्तान हमारा है इस गीत ने आम जनता को पहली बार अंग्रेजों का विरोध दिया। भारत की फिल्में ब्रिटिश सेंसर बोर्ड की मंजूरी के साथ ही रिलीज होती थी, अंग्रेजों के कमजोर भाषा के ज्ञान ने इस फिल्म के गाने को मंजूरी मिल गई। भारत छोड़ो आंदोलन के साथ आई यह फिल्म इस गाने की वजह से अमर हो गई।
- शहीद (1965) मनोज कुमार अभिनीत फिल्म शहीद-ए-आजम भगतसिंह साल 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के साये में आई थी, फिल्म को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के नेशनल अवॉर्ड भी मिला था। भगतसिंह पर बनने वाली पहली फिल्म थी। बाद भगतसिंह पर और भी फिल्में बनीं जैसे अजय देवगन की साल 2002 में ‘द लीजेंड ऑफ भगतसिंह’ उल्लेखनीय है।
- गांधी (1982) भारत का दुर्भाग्य ही है कि देश के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले बापू के जीवन पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म विदेशियों द्वारा बनाई गई। ये गांधीजी की महानता का परिणाम हैं जैसे विदेशी उनके व्यक्तित्व के मुरीद हुए और फिल्म बना दी। इस फिल्म के निर्माण में भारतीय सरकार व भारतीय कलाकारों का भी सहयोग रहा। जानकर शायद थोड़ी हैरानी होती है, यह फिल्म ऑस्कर मैं 11 श्रेणियों में नामांकित हुई श्रेष्ठ फिल्म, निर्देशन व अभिनय समेत 8 श्रेणियों ऑस्कर जीता भी। इसके अलावा भी फिल्म ने सभी राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय अवॉर्ड अपने नाम किए।
- नेताजी सुभाष चन्द्र बोस-द फॉरगॉटन हीरो (2004) भारत की आजादी की महान हस्तियों में सबसे कम चर्चा नेताजी सुभाषचन्द्र बोस के बारे में ही की जाती है। आजाद हिन्द फौज के जरिए अंग्रेजों के पसीने छुड़ाने वाले नेताजी के ऊपर साल 2004 में श्याम बेनेगल ने इस फिल्म को निर्देशित किआ। अधिक चर्चा न होने के कारन यह बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप ही रही, पर 2 श्रेणियों में नेशनल अवॉर्ड इसके नाम हुए ।
- मंगल पांडे द राइजिंग (2005) 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ भड़की क्रांति पर बनी यह इकलौती फिल्म है, जिसे केतन मेहता ने आमिर खान को मुख्य भूमिका में लेकर बनाया। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर चमत्कार तो नहीं दिखा पाई, पर इतिहास से मुंह मोड़ चुके हमारे युवाओं को 1857 की क्रांति से रूबरू होने पर मजबूर कर दिया।
- सरदार (1993) यह फिल्म आजादी के बाद अखंड भारत का निर्माण करने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल के जीवन पर आधारित है। इसमें परेश रावल का शानदार अभिनय देखने को मिला। आलोचकों ने इस फिल्म को काफी सराहा। फिल्म में सरदारजी के द्वारा देश की आजादी से लेकर गांधीजी की मौत के बाद नेहरू के साथ उनके मतभेद तक को काफी अच्छे तरीके से दिखाया है।
- झांसी की रानी (1953) इतिहास को यदि उठाकर देखा जाए तो रानी लक्ष्मीबाई के अलावा भी कई वीरांगनाएं हैं, जो अपनी वीरता व देशप्रेम के चलते अमर हुई हैं। दुर्भाग्य यह है कि बॉलीवुड दुनिया की बड़ी फिल्म इंडस्ट्रियों में शामिल है पर कभी इन कहानियों को लोगों तक लाने की जहमत नहीं उठाई। साल 1953 में निर्देशक व अभिनेता सोहराब मोदी ने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की कहानी लोगों के सामने पेश की। फिर एक बार कंगना रनौट फिल्म ‘मणिकर्णिका’ में रानी लक्ष्मीबाई का किरदार देखने को मिलेगा।
युद्ध पर आधारित फिल्में
देशभक्ति को हमेशा ही युद्ध से जोड़ा जाता है। भारत में नहीं, बल्कि और देशों में भी ऐसा होता है। भारत-पाक युद्ध को देशभक्ति से जोड़ा जाता है। दुश्मनों को धूल चटाते हुए देखना हम भारतियों के लिए गर्व की ही बात होती है, फिल्म निर्माता भी अच्छी तरह जानते हैं, ऐसी ही कुछ फिल्मों पर एक नजर डालते हैं
- हकीकत (1964) चेतन आनंद के निर्देशन मैं बनी फिल्म में बलराज साहनी, धर्मेन्द्र आदि कलाकार थे। साल 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध को भारत में बनी सबसे बेहतरीन युद्ध फिल्म माना जाता है। 1965 में इस फिल्म को नेशनल अवॉर्ड भी मिला।
- बॉर्डर (1997) जेपी दत्ता के निर्देशन मैं बानी यह फिल्म युद्ध पर आधारित सबसे लोकप्रिय भारतीय फिल्म है। भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 में हुई जंग पर आधारित है। फिल्म मैं भारतीय सैनिकों की वीरता और इस फिल्म के गानों को आज भी दर्शक बहुत पसंद करते हैं।
- 1971 (2007)1971 में हुए भारत-पाक युद्ध की पृष्ठभूमि पर बनी इस फिल्म को मनोज बाजपेयी व रवि किशन जैसे दमदार अभिनेताओं का साथ मिला । फिल्म को सर्वश्रेष्ठ हिन्दी फीचर फिल्म का नेशनल अवॉर्ड मिल चूका है। फिल्म की कहानी 1971 की जंग में पाकिस्तानी आर्मी के द्वारा कैदी बना लिए गए 6 भारतीय सैनिकों के बच निकलने की कहानी है।
- लक्ष्य (2004) 1999 में भारत-पाक के बीच हुए कारगिल युद्ध पर बनी यह फिल्म जिस मैं रितिक रोशन, प्रीति जिंटा एवं अमिताभ बच्चन मुख्य किरदार हैं। निर्देशन फरहान अख्तर ने किया इसे भी युद्ध पर आधारित एक अच्छी फिल्म कहा जा सकता है।
और भी कई ऐसी फिल्में हैं जिनमें ‘एलओसी‘ व ‘मां तुझे सलाम’ जैसी फिल्मों के नाम आते हैं। मनोज कुमार ने भी क्रांति, पूरब पश्चिम जैसी फिल्में बनाई जो सफल रही, इन फिल्मों में देशभक्ति को फॉर्मूला बना कर भुनाया गया।
कुछ समय से देशभक्ति को खेल के साथ जोड़कर दिखाने कादौर शुरू हुआ। जंग के अलावा खेल के मैदान में दुश्मनों को धूल चटाते देखना हम भारतीय दर्शकों को भी खूब भाता है और फिल्में ब्लॉकबस्टर होती हैं।
- चक दे इंडिया (2007) इस तरह की फिल्मों को जोर मिला 2007 में आई फिल्म ‘चक दे इंडिया’ से। इस फिल्म में शाहरुख खान ने महिला हॉकी टीम के कोच का किरदार निभाया जो भारतीय महिला हॉकी टीम को पहली बार विश्व चैंपियनशिप दिलाता है। फिल्म इतनी ज्यादा पसंद की गई इसका गाना ‘चक दे-चक दे इंडिया’ देशभक्ति गीत बन गया। मैदान में यदि भारतीय टीम उतरती है तो इस गाने का बजना अनिवार्य है।
- भाग मिल्खा भाग (2013) खेल व भारत-पाक जंग इन दोनों ही मुद्दों को फिल्म मैं इस्तेमाल किया जाता है। ‘फ्लाइंग सिख’ के नाम से मशहूर एथलीट मिल्खा सिंह के जीवन पर आधारित फिल्म जिसे खूबसूरती से भारत-पाक का चोगा पहनाया है। फिल्म को दर्शकों द्वारा बेहद पसंद की गई, मिल्खा सिंह द्वारा पाकिस्तानी जमीं पर पाकिस्तान के खिलाड़ी को हरा देना।
- मैरीकॉम (2014) भारत की महिला मुक्केबाज व ओलंपिक में कांस्य पदक जीत चुकी मैरीकॉम की जिंदगी पर आधारित फिल्म है, इसमें प्रियंका चोपड़ा ने मेरीकॉम का किरदार निभाया है । फिल्म में मैरीकॉम का सुनहरा दौर, बॉक्सिंग से दूरी और वापसी की पूरी कहानी दिखाई है ।
- दंगल (2016) इस ब्लॉकबस्टर फिल्म से तो सभी भली-भांति ही परिचित हैं। आमिर खान, साक्षी तंवर,जायरा वसीम व फातिमा सना शेख ने शानदार अभिनय किया है। यह फिल्म भारत की दो अंतरराष्ट्रीय महिला पहलवानों गीता फोगाट व बबीता फोगाट के जीवन पर आधारित है। हरियाणा के छोटे से गांव से निकलकर अपने पिता के मार्गदर्शन में अंतरराष्ट्रीय खेल जगत में अपना नाम बनाने वाली गीता व बबीता की कहानी में कई जगह देशभक्ति का तड़का लगाकर पेश किया गया है।
देशभक्ति से जुड़ीं फिल्मों की श्रेणी और समाज के लिहाज से भी महत्वपूर्ण माना जा सकता है ।