Coronavirus India: कोरोना संक्रमण के मामले भारत में 18 हजार को भी पार कर गए हैं। बीते दो महीने के दौरान भारत में चार लाख से भी ज्यादा टेस्टिंग की गई है। भारत के लिए राहत की बात ये है कि टेस्ट पॉजिटिविटी रेट जिसे कि TPR के नाम से भी जाना जाता है, इसके मुताबिक Covid-19 के प्रसार पर भारत ने काबू पा लिया है। TPR यह दर्शा रहा है कि संक्रमण फैलने की गति देश में क्या रही है।
Coronavirus India – 19 अप्रैल तक 4 प्रतिशत था TPR
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR), जो कि भारत की मेडिकल नियामक है, उसने जो लैब टेस्ट के आंकड़े जारी किये हैं उसके अनुसार औसतन 23 लोगों का भारत में टेस्ट किया गया तो इनमें से एक व्यक्ति में कोरोना वायरस का संक्रमण देखने को मिला। भारत में बीते 19 अप्रैल तक TPR लगभग 4 प्रतिशत था। विश्व के जो कोरोना से कई बेहद प्रभावित देश हैं, उनके मुकाबले यह बहुत कम है। वैसे भारत की तुलना में दक्षिण कोरिया का प्रदर्शन इस मामले में बेहतर है, क्योंकि इसका TPR 1.9 प्रतिशत है।
अन्य देशों की स्थिति
अन्य देशों की बात करें तो ब्राजील का TPR जहां 6.4 प्रतिशत है, वहीं जर्मनी का 7.7 प्रतिशत और जापान का 8.8 प्रतिशत है। उसी तरह से इटली का TPR 13.2 प्रतिशत स्पेन का 18.2 प्रतिशत और अमेरिका का 19.3 प्रतिशत है। एक बहुत ही महत्वपूर्ण पैमाना TPR तब हो जाता है, आबादी के हिसाब से किए गए टेस्ट्स की तादाद कम हो। इसमें टेस्ट कम हो तब भी कोरोना वायरस के संक्रमण के स्तर प्रदर्शित हो जाता है।
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तो बढ़ सकते हैं मामले
एक पैमाने के रूप में यदि देखा जाए तो प्रीवेलेंस रेट यानी कि प्रसार दर के समान TPR नहीं होता है। प्रसार दर असल में संक्रमण के बाद कितने लोगों की मौत हुई है, यह दर्शाता है। ICMR की जो टेस्टिंग चल रही है, उसके आंकड़े रोजाना हो रहे टेस्ट की संख्या में होने वाली वृद्धि और नए मामले के बीच मजबूत आपसी संबंध (0.98) को दर्शाता है। ये इस बात का सूचक है कि टेस्ट की संख्या यदि हम बढ़ा दें तो संभव है कि मामलों की तादाद में भी इजाफा हो जाये।