Natesh Shiv Murti Stolen Repatriated: भारत में ऐसी बहुत सी दुर्लभ चीजें हैं और थीं जिनमें से कुछ को अंग्रेज या अन्य देश के लोग चुराकर ले गए। कुछ ची जों को देश में रहने वालों ने भी लालच में आकर दूसरे देशों के हाथों बेच दिया। ऐसी ही हमारे देश में एक शिव जी की दुर्लभ मूर्ति थी जिसे सालों पहले राजस्थान से चोरी कर ली गई थी। लेकिन कुछ सालों के बाद इस मूर्ति के मिलने की सूचना मिली और अब भारत सरकार आज इसे भारत लेकर आ रही है। आइये जानते हैं कौन सी है शिव जी की वो मूर्ति(Natesh Shiv Murti Stolen) और किस देश से इसे वापिस भारत लाया जा रहा है।
साल 1998 में राजस्थान के इस जगह से चोरी हुई थी शिव जी की मूर्ति
आपको बता दें कि, सालों पहले चुराई गई शिव जी की जिस मूर्ति(Natesh Shiv Murti) को आज भारत लाया जा रहा है वो असल में राजस्थान से चुराई गई थी। जी हाँ आजतक से मिली जानकारी के अनुसार शिव जी की इस मूर्ति को फ़रवरी 1998 में राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले से चुराई गई थी। मिली जानकारी के अनुसार शिव जी की इस मूर्ति का नाम नटेश शिव(Natesh Shiva) है, जिसे नटराज की मूर्ति भी कहते हैं। इस मूर्ति को चित्तौड़गढ़ के बरोली गांव के घाटेश्वर मंदिर से चोरी किया गया था। इस संबंध पुरातत्व विभाग का कहना है कि, शिव जी की यह दुर्लभ मूर्ति 9वीं शताब्दी में की है जिसे आज वापिस भारत लाया जा रहा है।
इस देश में बरामद हुई थी शिव जी की यह मूर्ति
जानकारी हो कि, राजस्थान से साल 1998 में इस मूर्ति को चुराकर लंदन लाया गया था। लेकिन भारतीय पुरातत्व विभाग ब्रिटिश अथॉरिटी को साल 2003 में जानकारी मिलने पर यह बता दिया था कि, भारत से शिव जी की मूर्ति को लंदन लाया गया है। बता दें कि, यह जानकारी मिलते ही ब्रिटेन के प्राइवेट मूर्ति कलेक्टर इस अभियान में जुट गए और उन्होनें साल 2005 में शिव जी की इस मूर्ति को अपनी इच्छा से भारतीय उच्चायोग को दे दी थी। गौरतलब है कि, उस समय से शिव जी यह मूर्ति ब्रिटेन स्थित इंडिया हाउस के भीतर डिस्प्ले में रखा गया था। इसके बाद साल 2017 में भारतीय पुरातत्व विभाग के एक्सपर्ट टीम ने इस बात की जानकारी दी की यह वहीं शिव जी की मूर्ति है जिसे राजस्थान के घाटेश्वर मंदिर से चोरी किया गया था।
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बहरहाल केवल शिव जी की यह मूर्ति ही नहीं बल्कि इसके साथ ही 17 वीं शताब्दी में पाई गई कृष्ण जी की नक्काशीदार कांस्य मूर्ति को भी भारत लाया जा रहा है। कृष्ण जी की मूर्ति को अमेरिकी दूतावास द्वारा लौटाया गया था। इसके साथ ही स्कॉटलैंड सरकार द्वारा बुद्ध की कांस्य मूर्ति भी सौंपी गई है। इस मूर्ति को गुजरात के वर्ल्ड हेरिटेज साइट से चुराया गया था।