RBI Monetary Policy: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में लिए गए निर्णयों की घोषणा की गई है। सभी बातों को दरकिनार करते हुए आरबीआई ने दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) ने रेपो रेट को 4 फीसदी पर बरकरार रखने का फैसला लिया है। दास ने बताया कि एमपीसी ने यह फैसला आपसी सहमति और एकमत से लिया है। इसके अलावा रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी, मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट 4.25 फीसदी और बैंक रेट 4.25 पर बरकरार रखा गया है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ग्लोबल इकनॉमी कमजोर है। लेकिन कोरोना की मार के बाद देश की अर्थव्यवस्था अब सुधर रही है। विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा है। खुदरा महंगाई दर नियंत्रण में है। आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी ग्रोथ रेट निगेटिव रहेगी। जून में लगातार चौथे महीने भारत के व्यापार निर्यात में कमी आई है। घरेलू मांग में कमी और अंतर्राष्ट्रीय क्रूड तेल के दामों में कमी की वजह से जून महीने में आयात में काफी कमी आई।
आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार की शुरुआत हो गई थी, लेकिन कोरोना महामारी संक्रमण के चलते लॉकडाउन लगाने को मजबूर होना पड़ा। वैश्विक आर्थिक गतिविधियां कमजोर बनी हुई है, कोविड-19 मामलों में उछाल ने पुनरुद्धार के शुरुआती संकेतों को कमजोर किया है। आपूर्ति श्रृंखला में बाधायें बरकरार हैं जिससे विभिन्न क्षेत्रों में महंगाई का दबाव बना हुआ है।’
महत्वपूर्ण बातें –
- वित्त वर्ष 2021 की दूसरी छमाही में महंगाई घटने के आसार।
- कोविड-19 के बढ़ते मामलों के कारण वैश्विक आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ा है।
- सप्लाई चेन बाधित है। सभी सेगमेंट में महंगाई स्पष्ट दिख रही है।
- अप्रैल 2020 से चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में इकोनॉमिक ग्रोथ में गिरावट रहेगी।
- खाने-पीने की महंगाई बढ़ने की आशंका बरकरार।
- नाबार्ड और नेशनल हाउसिंग बैंक को 10 हजार करोड़ रुपए की विशेष अतिरिक्त लिक्विडिटी की फैसिलिटी।
- शर्तों में ढील के कारण कटौती का ज्यादा फायदा मिला।
- पर्याप्त लिक्विडिटी से म्यूचुअल फंड को भी फायदा मिला।
- तनावग्रस्त एमएसएमई को 31 मार्च 2021 तक लोन रिस्ट्रक्चरिंग स्कीम का फायदा मिलेगा।
- कुछ लोन के रिस्ट्रक्चरिंग के लिए स्पेशल विंडो मुहैया कराई जाएगी।
- जून 2019 के नियमों के तहत लोन रिस्ट्रक्चरिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
- चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के ऋणात्मक रहने का अनुमान।
- मार्च 2021 में समाप्त होने वाले इस वित्त वर्ष में भी जीडीपी ऋणात्मक रहने की संभावना।
- गोल्ड देने वाली कंपनियां अब 90 फीसदी तक का लोन दे सकती हैं। अभी तक यह सीमा 75 फीसदी थी। इसे लोन टू वैल्यू रेश्यो (एलवीआर) कहा जाता है।
- एमपीसी की अगली बैठक अब 29 सितंबर को होगी।