PM Modi Launches Platform For Transparent Taxation: किसी भी देश के विकास में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका उस देश के ईमानदार करदाताओं की होती है, जिसके चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को देश के ईमानदार करदाताओं के सम्मान में एक मंच की शुरुआत की है। जिसका नाम ‘पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान’(Transparent Taxation Honoring the Honest) है। पीएम मोदी ने एक कार्यक्रम के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए इस मंच की शुरुआत की है।
स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स नए पड़ाव पर
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, ‘देश में चल रहा स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स(Structural Reforms) का सिलसिला आज एक नए पड़ाव पर पहुंचा है। ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन, ऑनरिंग द ऑनेस्ट(Transparent Taxation Honoring the Honest), 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की इस नई व्यवस्था का आज लोकार्पण किया गया है। इस प्लेटफॉर्म में फेसलेस असेसमेंट, फेसलेस अपील और टैक्सपेयर चार्टर जैसे बड़े रिफॉर्म्स हैं। टैक्सपेयर्स चार्टर भी देश की विकास यात्रा में बहुत बड़ा कदम है।’
ईमानदार करदाता से होता है देश का विकास
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा है, ‘देश का ईमानदार करदाता राष्ट्र के निर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। जब देश के ईमानदार करदाता का जीवन आसान बनता है, वो आगे बढ़ता है, तो देश का भी विकास होता है। पिछले कुछ साल में करीब 1500 कानून खत्म किए गए हैं। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में भारत 134वें स्थान से 63वें स्थान पर आ गया है। कोरोना के दौरान रिकॉर्ड FDI का आना इसका उदाहरण है।’
देशवासियों के काम में सरकार का दखल कम
पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘आज से शुरू हो रहीं नई व्यवस्थाएं, नई सुविधाएं न्यूनतम सरकार, कारगर शासन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करती है। ये देशवासियों के जीवन में सरकार के दखल को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। कम से कम कानून हो, जो कानून हो वो बहुत स्पष्ट हों तो करदाता भी खुश रहता है। बीते कुछ समय से यही काम किया जा रहा है।’ उन्होंने यह भी कहा है, ‘अब टैक्सपेयर को उचित, विनम्र और तर्कसंगत व्यवहार का भरोसा दिया गया है। यानि आयकर विभाग को अब टैक्सपेयर की डिग्निटी का, संवेदनशीलता के साथ ध्यान रखना होगा।
टैक्स की स्क्रूटनी में हुई कमी
अब टैक्सपेयर की बात पर विश्वास करना होगा, डिपार्टमेंट उसको बिना किसी आधार के ही शक की नज़र से नहीं देख सकता। वर्ष 2012-13 में जितने टैक्स रिटर्न्स होते थे, उसमें से 0.94 परसेंट की स्क्रूटनी होती थी। वर्ष 2018-19 में ये आंकड़ा घटकर 0.26 परसेंट पर आ गया है। यानि केस की स्क्रूटनी, करीब-करीब 4 गुना कम हुई है। इसका कम होना बता रहा है कि बदलाव कितना व्यापक है।’
यह भी पढ़े
- कोरोना संकट के बीच डगमगाती अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने दिए टिप्स!
- रेपो रेट 4 प्रतिशत पर कायम, EMI में नहीं कोई बदलाव – RBI
इसके अलावा पीएम मोदी ने अपने संबोधन में यह भी कहा है कि आज से शुरू हो रहीं नई व्यवस्थाएं, नई सुविधाएं, “मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस”(Minimum Government And Maximum Governance) के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत करती हैं। ये देशवासियों के जीवन से सरकार के दखल को कम करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।