होली के अवसर पर बनी यह सर्फ़ एक्सेल की Ad को कुछ दिमागी तोर के लोग इसे लव – जिहाद जोड़ रहे है। और अब इस Ad को बॉयकॉट करने की मांग कर रहे है और इस Ad के बारे मे आपको भी फ़ेसबुक, ट्विटर या WhatsApp पर सर्फ़ एक्सेल को बैन वाले कई मेसिज मिले होंगे।
इन मेसिजो में इस Ad मे होली को ग़लत तरीके से दिखाने का आरोप लगाया जा रहा है और बताया जा रहा है कि इस Ad में नमाज़ को होली खेलने से बेहतर दिखाया गया है। इस Ad को देखने के बाद अगर आप भी उनमे से है, तो आप यह लेख पड़ना यही छोड़ दीजिए।
अब ये Ad देखिये:
क्योकि हो सकता है की आपको आगे के शब्द पसंद ना आये। यह Ad डिटर्जेंट ब्रैंड है, इसमे होली की थीम है और छोटे-छोटे बच्चों को इसमे दिखाया गया है। और साथ ही इसमे आपसी सद्भावना का सन्देश दिया गया है।
इसमे होली के दिरस्ये को दिखाया गया है। जिसमे बच्चे एक दूसरे को गुब्बारे मार रहे हैं। इसमे एक बच्ची सफ़ेद टी-शर्ट पहने हुए साइकिल पे आती है, बच्चे उस पर गुब्बारे मारते है और वह फिर पूरी रंग से रंग- बिरंगी हो जाती है। और बच्ची हंसने लगती है, क्योंकि सब बच्चो के पास रंग और गुब्बारे ख़त्म हो जाते है। फिर बाद मे वो अपने एक दोस्त को बुलाती है और दोस्त अपना कुढ़ता ऊपर करके साइकल पर बैठ जाता है और दोनों फिर मस्जिद की और चलते हैं। फिर बच्चा साइकिल से उतर कर अपनी दोस्त को बोलता है, नमाज़ पढ़ कर आता हूं, उसके बाद बच्ची कहती है, उसके बाद रंग लगेगा। बच्चा हंस कर हाँ भरता है। और फिर Ad ख़त्म हो जाती है और वॉयसओवर मेसेज आता है की, ‘अपनेपन के रंग से औरों को रंगने में अगर दाग लग जाएं, तो दाग अच्छे हैं।’
इस Ad मे दोस्ती के सिवा किसी को लव-जिहाद कैसे दिख सकता है? अगर दिख रहा है, तो आप समझ जाये की आप धर्म के नाम पर इंसानियत को सरम सार कर रहे है।