अलग-अलग राज्यों से आए हुए किसान नए कृषि कानूनों(Kisan Bill) को रद्द किए जाने की मांग को लेकर इस वक्त दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं। इसी बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह(Rajnath Singh) ने किसानों को खालिस्तानी और माओवादी कहकर पुकारे जाने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा है कि यह पूरी तरीके से अनुचित है।
किसानों के हित में
राजनाथ सिंह(Rajnath Singh) ने कहा है कि इस तरह के आरोप किसानों पर लगाया जाना किसी भी तरीके से उचित नहीं है। उन्होंने कहा है कि नए कृषि कानून(Kisan Bill) पूरी तरीके से किसानों के हित में हैं। जो किसान नए कृषि कानूनों को लेकर अपने मन में शंका रखते हुए आंदोलन कर रहे हैं, उन्हें कम-से-कम 2 साल के लिए इसके क्रियान्वयन को देख लेना चाहिए।
दर्द समझ रही सरकार
रक्षा मंत्री ने यह भी कहा है कि जो किसान इस वक्त आंदोलन कर रहे हैं, उनके दर्द को हम अच्छी तरह से समझ रहे हैं। किसानों को खालिस्तानी और माओवादी कह कर बुलाए जाने पर राजनाथ सिंह(Rajnath Singh) ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि इस तरह के आरोप किसानों पर बिल्कुल भी नहीं लगाए जाने चाहिए। तहे दिल से हम किसानों का पूरा सम्मान करते हैं। उनके सम्मान में हम अपना सिर भी झुकाते हैं।
किसानों ने संकट से उबारा
आर्थिक मंदी के वक्त किसानों की भूमिका को याद करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि इससे उबरने में उन्होंने देश की बड़ी मदद की थी। वे एक तरह से अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। कई बार देश को संकट से उबारने का काम किसानों ने किया है।
राजनाथ सिंह(Rajnath Singh) ने विपक्ष पर किसानों को गुमराह करने का भी आरोप लगाया है। वैसे, आज बुधवार को किसानों के साथ सरकार की एक अहम बातचीत होने जा रही है।