Importance of Temple Bells in Hindi: जब भी आप किसी मंदिर में दर्शन करने के लिए जाते हैं, तो मंदिर के बाहर लटके घंटे को जरूर बजाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह घंटा मंदिर के बाहर क्यों लटका होता है और इसे बजाकर ही मंदिर में प्रवेश क्यों किया जाता है? यदि नहीं, तो आइए आज हम आपको बताते हैं घंटी बजाने के धार्मिक व वैज्ञानिक कारण एवं महत्व। लेकिन यह जानने से पहले आपको यह जानना होगा कि मंदिर की घंटियां(Mandir Ki Ghantiya) कितने प्रकार की होती हैं।
घंटियों के प्रकार(Types Of Temple Bells In Hindi)
- गरूड़ घंटी: आकार में छोटी ये घंटियाँ ज़्यादातर घर के मंदिरों में हाथ से पकड़ कर बजाई जाती हैं।
- द्वार घंटी: वैसे तो ये घंटियां ज़्यादातर मंदिर के द्वार पर ही लगाई जाती हैं, लेकिन इन्हें घर के मंदिर में भी लगा सकते हैं। ये छोटे व बड़े दोनों आकार की होती हैं।
- हाथ घंटी: पुराने समय में इस्तेमाल की जाने वाली यह घंटी, गोल प्लेट के जैसी होती थी जिसे लकड़ी की छड़ी से पीटा जाता था। ज़्यादातर यह प्लेट पीतल की बनी होती थी। अब इस घंटी का प्रचलन कम हो गया है।
- घंटा: घंटे का आकार काफी बड़ा होता है, इसलिए इसे बजाने की आवाज कई किलोमीटर तक जाती है। घंटा अक्सर मंदिर के द्वार पर या फिर द्वार से थोड़ा पहले लगा होता है।
क्यों लगाते हैं मंदिर में घंटी?
जानकारों के मुताबिक मंदिर में घंटी (Hindu Temple Bells) केवल धार्मिक कारण से नहीं अपितु वैज्ञानिक कारण से भी लगाई जाती है। घंटी की तेज आवाज से वातावरण में कंपन पैदा होता है, जिससे हवा में मौजूद जीवाणु और सूक्ष्म जीवों का नाश होता है और वातावरण भी शुद्ध होता है। कहते हैं कि जिस स्थान पर नियमित रूप से घंटी बजती रहती है, वह स्थान हमेशा शुद्ध व पवित्र रहता है तथा वहां कोई भी नकारात्मक शक्ति प्रवेश नहीं कर पाती।
घंटी बजाने के धार्मिक महत्व(Importance Of Temple Bells in Hindi)
मुख्यतौर पर घंटी बजाने के 3 धार्मिक कारण हैं –
- घंटी बजाने का अर्थ है, देवी-देवता के सामने अपनी हाजरी लगाना। कहा जाता है कि घंटी बजाने से मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं की मूर्तियों में चेतना आ जाती है, जिससे पूजा अधिक फलदायक व प्रभावशाली होती है।
- घंटी की ध्वनि मन में अध्यात्मिक भाव जगाती है। ग्रंथों में लिखा गया है कि घंटी बजाने से व्यक्ति पापमुक्त हो जाता है। हालांकि, यह आपके कर्मो पर भी निर्भर करता है।
- पुराणों के अनुसार सृष्टि की रचना के वक्त जो नाद गूंजी थी, घंटी उसी का प्रतीक है। इसलिए आज भी जब किसी घर में बच्चा जन्म लेता है या कोई नया कार्य प्रारंभ किया जाता है, तो घंटी बजा कर खुशी जाहिर की जाती है।
घंटी बजाने के स्वास्थ्य लाभ(Health Benefits Of Temple Bell)
मुख्यतौर पर घंटी बजाने के तीन स्वास्थ्य लाभ हैं –
- यूं तो बाजार में कई तरह की घंटियां उपलब्ध होती हैं, लेकिन यदि आप कैडमियम, जिंक, निकेल, क्रोमियम और मैग्नीशियम से बनी घंटी बजाएंगे, तो इससे प्रकट होने वाली ध्वनि आपके मस्तिष्क के दाएं व बाएं दोनों हिस्सों में संतुलन बनाए रखेगी।
- घंटी की ध्वनि गूंजने पर शरीर के सभी 7 हीलिंग सेंटर सक्रीय हो जाते हैं और आपका मन शांत होने लगता है।
- घंटी की ध्वनि से मन, मस्तिष्क और शरीर को एक विशेष प्रकार की सकारात्मक ऊर्जा और शक्ति प्राप्त होती है।
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जानकारों के मुताबिक, पुराणों और ग्रंथों में यह प्रमाण भी मिलते हैं कि आने वाले समय में जब प्रलय आएगी तब भी ऐसी ही नाद गूंजेगी क्योंकि पुराणों में मंदिर के बाहर लगी घंटी या घंटे को काल का प्रतीक भी माना गया है।