Rishi Ganga Blocked: बीते रविवार को जो उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने(Uttarakhand Glacier Burst) की वजह से तबाही मची थी, उसके कई दिन बीत जाने के बाद भी लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें अब भी उभर रही हैं, क्योंकि खतरा पूरी तरीके से टला नहीं है। जो हाई रेजोल्यूशन वाली सेटेलाइट तस्वीरें(Satellite Images) मिली हैं, उनसे उस जगह की पहचान की गई है, जहां ग्लेशियर के मलबे के कारण एक बड़ी ही खतरनाक झील का निर्माण हो गया है।
आ सकती है भयानक बाढ़
बताया जा रहा है कि यदि पानी का दबाव बढ़ता है, तो इससे पानी बाहर आ जाएगा और भयानक बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाएगी। एनडीआरएफ(NDRF) के निर्देशक जनरल एसएन प्रधान ने बताया है कि मानव रहित फ्लाइट्स, ड्रोन्स और स्टेकहोल्डर्स इस वक्त ग्राउंड स्थिति का आकलन करने का प्रयास कर रहे हैं।
बह गए हाइडल प्लांट्स
सैटेलाइट तस्वीरों(Satellite Images) में वह ब्लॉक दिख रहा है, जहां ऋषिगंगा(Rishi Ganga Blocked) में तेजी से बहने वाली नदी रोनटी से पानी पहुंचता है और जो तपोवन हाइडल पावर प्लांट(Tapovan Dam) की तरफ बहती है। इस प्लांट का अधिकतर हिस्सा बीते रविवार को अचानक आई बाढ़ से तबाह हो गया है। नदी के रास्ते में दो हाइडल प्लांट्स आ रहे थे, जो पूरी तरह से बह गए हैं।
टूट सकती है झील की दीवार
बीते बुधवार को जो तस्वीरें सामने आई हैं, उनमें जमा पानी और मलबे की दीवार साफ नजर आ रही है। चिंता इसलिए बढ़ गई है, क्योंकि पानी का भार बढ़ता चला गया तो यह दीवार कभी भी टूट सकती है, जिसकी वजह से एक बार फिर से भयानक बाढ़ आ सकती है।
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इन्होंने भी दी चेतावनी
गढ़वाल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर वाईपी सुंदरियाल, जो कि घटनास्थल पर नुकसान का आकलन करने के लिए पूर्वोत्तरी धारा और ऋषिगंगा नदी(Rishi Ganga Blocked) के संगम पर पहुंचे, उन्होंने भी यही बताया है कि पूर्वोत्तरी धारा पर भूस्खलन के कारण एक अस्थाई बांध जैसा बनने से ऋषिगंगा नदी(Rishi Ganga) का बहाव अवरुद्ध हो गया है। ऐसे में यह झील कभी भी टूट सकती है, जिससे विनाशकारी बाढ़ आ सकती है।