Rakhi Kab Ki Hai: हिंदू पंचांग के अनुसार, रक्षाबंधन श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस त्योहार का विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र (राखी) बांधती हैं। रक्षाबंधन भाई-बहन के अटूट रिश्ते और प्रेम का प्रतीक माना जाता है।अगर चाहें तो इसे सोशल मीडिया पोस्ट या वीडियो स्क्रिप्ट फॉर्मेट में भी ढाल सकता हूँ।
धार्मिक मान्यताओं का महत्व
रक्षाबंधन के त्योहार से जुड़ी कई धार्मिक मान्यताएं हैं। कहा जाता है कि यमराज की बहन यमुनाजी ने उनकी कलाई पर राखी बांधी थी, जिसके बाद यमराज ने उन्हें अमरता का वरदान दिया था। राखी बांधने के शुभ मुहूर्त का भी विशेष ध्यान रखा जाता है, और भद्रा व राहुकाल को ध्यान में रखकर ही राखी बांधने की परंपरा है।
रक्षाबंधन मुहूर्त-2025
- 09 अगस्त, शनिवार
- राखी बांधने का शुभ मुहूर्त:
- सुबह 05:47 बजे से
- दोपहर 01:24 बजे तक
- पूर्णिमा तिथि (श्रावण मास):
- आरंभ – 09 अगस्त को सुबह
- समापन – 10 अगस्त को सुबह
- इस शुभ समय में राखी बांधना सबसे उत्तम माना गया है।
- रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम, सुरक्षा और विश्वास का प्रतीक पर्व है।
भद्रा काल और राहु पर विशेष विचार
राखी बांधते समय मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा जाता है, क्योंकि भद्राकाल और राहुकाल के दौरान राखी बांधना अशुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार भद्राकाल को अशुभ समय माना गया है, इसलिए इस अवधि में राखी बांधने से हमेशा बचना चाहिए।
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राखी बांधने की विधि
राखी बांधते समय भाई का मुख पूर्व दिशा में और बहन का पश्चिम दिशा में होना चाहिए। सबसे पहले बहन भाई को रोली, अक्षत और तिलक लगाए, फिर घी के दीपक से आरती उतारे। इसके बाद राखी बांधकर उसकी लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करें और अंत में उसे मिठाई खिलाएं।