Leh Ladakh Tourism in Hindi: बचपन में जब स्कूल की छुट्टियां होती थी तो हमेशा नाना-नानी के घर घूमने जाने के लिए सभी बच्चे बेहद ही उत्साहित रहते थे। मगर जैसे-जैसे बड़े होते गए वह उत्साह तो खत्म नहीं हुआ मगर रुचियां थोड़ी बदल गयी। छुट्टियां मिलने पर अब नानी या फिर दादी के घर नहीं बल्कि अलग-अलग नए शहरों में घूमने की प्लानिंग होती है। छुट्टियों में कुछ लोग समुन्द्र के किनारे बीच पर, कुछ घने जंगलों में, तो कुछ पहाड़ों पर जाना पसंद करते हैं। पहाड़ों से याद आया, अगर आप एडवेंचर के शौकीन हैं तो ऐसे में आपको ना सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर सबसे अच्छी और ऊंची जगहों में से एक लेह लद्दाख जरूर जाना चाहिए। जी हां, लेह लद्दाख जिसे बर्फ का रेगिस्तान भी कहा जाता है, जो अपनी बेहद ही खूबसूरत वादियों और अद्वितीय सुंदरता के लिए विख्यात है। बर्फ से ढंकी ऊंची चोटियां, हिमनदी, रेत के टीले, चमकती सुबह के साथ घने बादल, दुनिया की सबसे ऊंची जगह पर स्थित लद्दाख का यह परिदृश्य है। लद्दाख उत्तर की तरफ से काराकोरम और दक्षिण की तरफ हिमालय से घिरा है। लगभग 9,000 से 25,170 फीट की ऊंचाई पर यह स्थान है।
ज्यादातर लोग लेह और लद्दाख को एक ही जगह समझते हैं लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जम्मू और कश्मीर राज्य को तीन भागों में विभाजित किया गया है जिसमें जम्मू, कश्मीर और लद्दाख आते हैं। लद्दाख दो भागों में बांटा गया है जिसमें लेह जिला और कारगिल जिला शामिल है। लेह शहर यहां स्थित अपने आकर्षक मठों, खूबसूरत पर्यटन स्थलों और शानदार बाजारों की वजह से पर्यटकों का पसंदीदा स्थान है। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि यहां पर आने वाले बहुत से लोग तरह-तरह के साहसिक गतिविधियों को भी अंजाम देते हैं और अपनी छुट्टियों को एकदम खुल कर एंजॉय करते हैं।
वैसे आपको यह भी पता होना चाहिए कि लेह लद्दाख सिर्फ अपने पहाड़ों और बर्फ के लिए ही नहीं बल्कि और भी बहुत सी बातों के लिए मशहूर है। यहां पर आने वाले लोग कई सारी खूबसूरत जगहों पर घूमने जाते हैं। सबसे पहले तो आप यह जान लीजिये कि लद्दाख अपने रहस्यमय परिदृश्य के लिए जाना जाता है, जिसमें बर्फ से ढके पहाड़ों और जमे हुए झीलों की विशेषता है जो लद्दाख में प्रमुख पर्यटन स्थलों के रूप में भी काम करते हैं। क्रिस्टल नीले पानी और एक खूबसूरत पृष्ठभूमि के साथ पैंगोंग झील लद्दाख में जाने के लिए सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक है। पश्मीना शॉल, फ़िरोज़ा गहने से हैंडवेन रग्स और कालीन तक, यहां कई चीजें हैं जो पर्यटक लद्दाख में खरीददारी कर सकते हैं। तो चलिये लेह-लद्दाख में घूमने की जगहों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
पैंगोंग झील [Pangong Tso]
ब्लू पैंगोंग झील हिमालय में लेह-लद्दाख के पास स्थित प्रसिद्ध झील है, जो 12 किलोमीटर लंबी है और भारत से तिब्बत तक फैली हुई है. यह झील करीब 43,000 मीटर की ऊंचाई पर है, जिसकी वजह से इसका तापमान -5 डिग्री सेल्सियस से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। यह अपनी लवणता के बावजूद भी सर्दियों के मौसम में पूरी तरह से जम जाती है। इस झील को पैंगॉन्ग त्सो के रूप में भी जाना जाता है और यह लंबे समय से लेह लद्दाख का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। लेह लद्दाख की एक खूबसूरत जगह होने के साथ कई फिल्मों की शूटिंग का हॉट-स्पॉट होने की वजह से इस झील को काफी लोकप्रियता मिली है।
लेह महल [Leh Palace]
यहां 17वीं शताब्दी में बना नौ मंजिला पैलेस देखने लायक है। इसे लेह पैलेस के नाम से भी जाना जाता है है। लेह महल सिंगे नामग्याल ने बनवाया था। यहां पर आप भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़े चित्रों को देख सकते हैं। महल की इमारत ल्हासा में पोताला पैलेस, जो कि तिब्बत में है काफी हद तक उसी की तरह है। लेह पैलेस अपने समय की सबसे उंची इमारतों में से एक है जिसमें नौ मंजिलें हैं। ये लेह महल पूरे शहर का मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है।
चादर ट्रैक [Chadar Trek]
इसके अलावा भी यहां पर ऐसी बहुत सी आकर्षक और घूमने लायक जगहें हैं, जहां पर हर कोई जाने के लिए बेहद ही उत्सुक रहता है और उन्हीं में से एक है चादर ट्रैक। चादर ट्रैक लेह लद्दाख के सबसे कठिन और सबसे साहसिक ट्रैक में से एक है। इस ट्रैक को चादर ट्रैक इसलिए कहा जाता है क्योंकि जांस्कर नदी सर्दियों के दौरान नदी से बर्फ की सफेद चादर में बदल जाती है। आपको यह भी बता दें कि चादर फ्रोजन रिवर ट्रैक दूसरे ट्रैकिंग वाली जगह से बिलकुल अलग है।
स्टॉक पैलेस म्यूज़ियम [Stok Palace Leh]
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राजा सेस्पाल तोंडुप नामग्याल द्वारा 1825 में स्टॉक पैलेस म्यूज़ियम का निर्माण कराया गया था। इस म्यूज़ियम में पुराने सिक्के, शाही मुकुट, शाही परिधान व अन्य शाही वस्तुएं और लद्दाख के चित्र आदि आप देख सकते हैं।
शांति स्तूप [Shanti Stupa]
शांति स्तूप को लेह में एक प्रमुख पर्यटन स्थल माना जाता है, जो समुद्र तल से 4,267 मीटर की ऊंचाई और सड़क मार्ग से 5 किलोमीटर की दूरी पर है। लेह लद्दाख के मशहूर स्थलों में से एक शांति स्तूप यहां का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जो एक बौद्ध सफेद गुंबद वाला स्तूप है। शांति स्तूप का निर्माण एक जापानी बौद्ध भिक्षु ग्योम्यो नाकामुरा द्वारा किया गया था और 14वें दलाई लामा द्वारा खुद को विस्थापित किया गया था। आप लेह शहर से 500 सीढ़ियां चढ़कर स्तूप तक पहुंच सकते हैं। यह स्तूप अपने आधार पर बुद्ध के अवशेष रखता है और यहां के आसपास के परिदृश्य का मनोरम दृश्य प्रदान करता है।
खारदुंग ला पास [Khardung La Pass]
खारदुंग ला दर्रा, जिसे आमतौर पर खड़जोंग ला कहा जाता है, यह सियाचिन ग्लेशियर में एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्ट्रेटेजिक पास है जो 5,602 मीटर की ऊंचाई पर दुनिया के सबसे उंचे मोटर सक्षम पास होने का दावा करता है। बताया जाता है कि यहां की प्राकृतिक सुंदरता, हवा यह महसूस करवाती है जैसे कि आप दुनिया के शीर्ष पर हैं। हाल के वर्षों में यह स्थान मुख्य पर्यटन स्थल बन चुका है।
कारगिल [Kargil]
जो भी पर्यटक लेह लद्दाख आता है वो एक बार देश के उस यादगार हिस्से में आना जरूर चाहता है जो ना सिर्फ इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है बल्कि उसका नाम सुनते ही हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। जी हां, हम बात कर रह हैं कारगिल की जो कि कारगिल नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के बाल्टिस्तान के पश्चिम और दक्षिण में कश्मीर घाटी के पास स्थित है। कारगिल 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष का केंद्र था।
इसके अलावा भी लेह लद्दाख में कई सारी घूमने के लिए जगहें हैं जैसे लेह मार्केट जहां से आप मशहूर पश्मीना शॉल और लेह लद्दाख की परंपराओं से जुड़ी कई तरह की कलाकृतियां आदि की खरीददारी कर सकते हैं। इसके अलावा यहां आने वाला तकरीबन हर शख्स राफ्टिंग, माउंटेन बाइकिंग, ट्रैकिंग, आदि का लुत्फ़ जरूर उठाता है। इसके अलावा त्सो कर झील, त्सो मोरीरी झील और सबसे मशहूर रोहतांग पास पर भी लोग घूमने जाया करते हैं।
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