CTM Routine in Hindi: हर लड़की की चाहत होती है कि वो भीड़ में सबसे अलग नज़र आए। उसकी खूबसूरती का हर कोई कायल हो और वो हमेशा जवां बनी रहे। लेकिन वो कहते हैं कुछ पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। अगर आप अपनी त्वचा को हर मौसम जवां, खूबसूरत और ग्लोइंग बनाए रखना चाहती हैं तो ये बिल्कुल मुश्किल नहीं है लेकिन इसके लिए आपको थोड़े से एक्स्ट्रा एफर्ट करने होंगे। आपको अपनी त्वचा का हर मौसम में खास ख्याल रखना होगा। आपको अपनाना होगा एक ऐसा फार्मूला जो आपकी त्वचा के निखार को दुगना कर देगा और बना देगा आपको बेहद सुंदर और हमेशा के लिए जवां। इस फार्मूले का नाम है सीटीएम। जी हां….सही सुना आपने, सीटीएम….ये वो तीन टिप्स हैं जिन्हे अपनाकर आप त्वचा संबंधी कई परेशानियों को दूर कर सकती हैं। रूखी, बेजान स्किन से छुटकारा पा सकती हैं तो साथ ही बना सकती हैं अपने चेहरे को एकदम खिला खिला। अब आप सोच रही होंगी कि भला ये सीटीएम है क्या। तो चलिए विस्तार से बताते हैं कि आखिर ये सीटीएम है क्या।
सीटीएम (CTM) तीन शब्दों से मिलकर बना है। जिसमें हर अक्षर का एक मतलब है। सी का मतलब है क्लीनजिंग।
सी यानि क्लीनजिंग (Cleansing)
क्लीनजिंग का मतलब होता है चेहरे की सफाई करना। लेकिन केवल ऊपर-ऊपर से नहीं बल्कि अंदर से भी।दिनभर की भागदौड़, काम और थकान के बाद चेहरा अक्सर डल नज़र आने लगता है। और ये डलनस दूर करना बेहद जरूरी होता है। ऐसे में ज़रूरी है चेहरे की सफाई। इसे ही क्लीनजिंग कहते हैं। क्लीनजिंग करने से स्किन की गहराई से सफाई हो जाती है। लेकिन क्लीनजिंग करते समय भी कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। नहीं तो इसके कुछ नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। जैसे-
- क्लीनज़र मिल्क से चेहरे का मसाज करने के बाद इसे कॉटन से पोछना चाहिए।
- क्लीनजिंग के बाद चेहरे को पानी से नहीं धोना चाहिए।
- चेहरे पर क्लीनज़र को हमेशा उंगलियो से लगाना चाहिए हथेली से नहीं।
- क्लीनजिंग के बाद चेहरे को बार बार रगड़कर तौलिए से नहीं पोंछना चाहिए।
- आप जिस क्लीनजिंग क्रीम का इस्तेमाल करते हैं हमेशा उसी का इस्तेमाल करें, हर बार अलग क्रीम का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- ऑयली स्किन के लिएबेसन में शहद मिलाकर या गुलाब जल और मुलतानी मिट्टी से फेसपैक बनाकर उससे क्लीनजिंग करनी चाहिए।
टी यानि टोनिंग(Toning)
क्लीनजिंग के अलावा टोनिंग भी स्किन के लिए बेहद जरूरी है। क्योंकि टोनिंग से ही त्वचा में निखार आता है और त्वचा खूबसूरत बनती है। क्लीनजिंग के बाद अगर त्वचा में कोई भी इम्प्योरिटी बचती है तो वो टोनिंग से पूरी तरह साफ हो जाती है। और साथ ही स्किन से एक्स्ट्रा ऑयल भी निकल जाता है। टोनिंग के लिए टोनर को सीधे चेहरे पर स्प्रे किया जा सकता है या फिर अपनी हथेली पर थोड़ी मात्रा में लेकर इसे थपथपाते हुए चेहरे पर लगाकर मालिश करनी चाहिए। अगर आप प्राकृतिक चीज़ों को अप्लाई करना ज्यादा पसंद करते हैं तो आप टोनिंग के लिए नियमित रूप से ग्रीन टी या गुलाब जल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इससे आपकी स्किन कोमल तो बनती ही है साथ ही आपकी स्किन में कसावट भी आती है।
एम यानि माश्चराइजिंग (Moisturising)
क्लीनजिंग व टोनिंग के बाद स्किन को माइश्चराइज़ करना बेहद ही जरूरी है। इससे स्किन रूखी होने से बचाई जा सकती है। इसके लिए किसी भी माइश्चराइज़र जो आपकी स्किन पर सूट करे उसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए क्रीम लगाकर हाथों से मसाज करनी चाहिए लेकिन ध्यान रखें कि अगर त्वचा रूखी है तो ऑयल बेस्ड मॉइश्चराइजर लगाएं। और ऑयली है फिर क्रीम का चुनाव स्किन को ध्यान में रखकर ही करें। अगर चेहरे पर पिंपल्स, मुंहासे या दाने हों तो उन पर स्क्रब का इस्तेमाल भूलकर भी नहीं करना चाहिए। बल्कि हाथों के चेहरे पर ज्यादा इस्तेमाल से भी बचना चाहिए।
तो सीटीएम फॉर्मूले को अपनाकर आप अपनी खूबसूरती को यकीनन बढ़ा सकती हैं।