Psychiatrist Kaise Bane: एक समय था जब लोगों के पास अपना करियर चुनने के लिए सिर्फ डॉक्टर और इंजीनियर बनना ही एक ऑप्शन होता था, लेकिन अब बदलते समय के साथ लोगों ने अपने करियर के लिए बहुत से विकल्प चुन लिए हैं। या यूं कहें कि आने वाले समय के साथ लोग जागरूक हुए हैं और उन्हें अपने करियर को लेकर के बहुत से विकल्प मिले हैं जिसे वो चुन सकते हैं।
बता दें कि आजकल की भागादौड़ी भरी जिंदगी में लोगों के पास खुद के लिए समय बहुत कम है, लेकिन काम की बात करें तो वो बहुत ज्यादा है जिस वजह से लोग इन दिनों काम के स्ट्रेस की वजह से डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। इस डिप्रेशन से बचने के लिए लोगों को साइकोलॉजिस्ट/साइकेट्रिस्ट के पास जाना होता है। बता दें कि साइकोलॉजिस्ट बिना दवाइयों के बातों द्वारा लोगों का इलाज करते हैं लेकिन जरूरत पड़ने पर दवा का सहारा भी लेते हैं। बता दें कि साइकोलॉजिकल ट्रीटमेंट की मदद से लोगों को डिप्रेशन से निकाला जाता है। पहले के समय में जहां साइकोलॉजिस्ट सिर्फ डिप्रेशन दूर करने और मेंटल प्रॉबलम्स फेस कर रहे लोगों का इलाज करते थे लेकिन आज के समय में लोग कई तरह की परेशानियों जैसे बिगड़ते रिश्तों, गलतफहमियों को दूर करने के लिए भी साइकोलॉजिस्ट का सहारा लेते हैं। वहीं, कई कंपनियों और स्कूलों में भी साइकोलॉजिस्ट को हायर किया जाता है।
लोग अब दवाइयों से ज्यादा अपनी परेशानियां और मेंटल शांति के लिए साइकोलॉजिस्ट का सहारा ले रहे हैं। ऐसे में आप भी साइकोलॉजी को अपना सब्जेक्ट चुनकर इसे अपना करियर चुन सकते हैं। यह करियर के लिए एक बेहतर विकल्प है। तो चलिए आपको बताते हैं कि साइकोलॉजी को करियर चुनने के लिए आपको क्या कोर्स करना होगा।
मनोवैज्ञानिक के लिए योग्यता
मनोवैज्ञानिक में बैचलर्स करने के लिए आपको 12वीं कक्षा में 50% अंकों से पास होना चाहिए। यदि आपको 12वीं कक्षा में 50% अंक हैं तो आप आप किसी भी विश्वविद्यालय में ऑफलाइन या फिर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
साइकेट्रिस्ट कैसे बने(Psychiatrist Kaise Bane)
- साइकोलॉजी में बीए (बैचलर ऑफ आर्ट्स)- यह कोर्स 3 साल का होता है.
- साइकोलॉजी में एमए (मास्टर ऑफ आर्ट्स)- यह कोर्स 2 साल का है.
- पीजी (पोस्ट ग्रजुएट) डिप्लोमा इन साइकोलॉजी- यह कोर्स 2 वर्ष का है.
- साइकोलॉजी में बीएससी (बैचलर ऑफ सायन्स)- यह कोर्स 3 साल का होता है.
- साइकोलॉजी में एमएससी (मास्टर ऑफ सायन्स)- यह कोर्स 2 साल का होता है.
इस कोर्स में स्टूडेंट्स को थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल भी कराया जाता है। जिसमें ये बताया जाता है कि आपको किस उम्र के लोगों के साथ कैसा व्यवहार करना है। साइकोलॉजिस्ट एमबीबीएस के जरिए विशेष होता है, जो अन्य ट्रींटमेंट के अलावा दवा भी देता है। बिना दवा के ट्रींटमेंट को काउंसलिंग कहते हैं।
क्या करते हैं मनोचिकित्सक
बता दें कि मनौवैज्ञानिक का काम होता है जो लोग मानसिक तौर पर किसी बीमारी से जूझ रहें हैं उनकी पहचान करना और फिर उनका इलाज करना। मनोवैज्ञानिक इसमें माहिर होते हैं। मनोवैज्ञानिक मानसिक और शारीरिक तनावों को दूर कर उसका इलाज करते हैं। मनोचिकित्सक को मस्तिष्क और शरीर के बीच जटिल संबंधों के कार्यों को समझने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है.
यहां से कर सकते हैं कोर्स
- दिल्ली विश्वविद्यालय
- दिल्ली जामिया मिलिया इस्लामिया
- दिल्ली एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ साइकोलॉजी और एलाईड साइंसेज
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय
- यूपी गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ एजुकेशनल मनोविज्ञान और मार्गदर्शन, जबलपुर
- लेडी श्रीराम कॉलेज नई दिल्ली
- क्रिस्टु जयंती कॉलेज बेंगलुरू
- फर्ग्युसन कॉलेज पुणे
- क्राइस्ट यूनिवर्सिटी बेंगलुरू
- जीसस एंड मेरी कॉलेज नई दिल्ली आदि
यहां मिलेंगी नौकरियां
बता दें कि पहले लोगों के बीच इस फील्ड को बतौर करियर बहुत ही कम लोग चुनते थे लेकिन अब भारत में भी इस फील्ड में लोगों के आने की डिमांड बढ़ने लगी है। बता दें कि साइकोलॉजिस्ट को अब सरकारी और निजी हॉस्पिटल, क्लीनिक, प्राइवेट कंपनी, स्कूल, रिसर्च आर्गेनाईजेशन, कॉर्पोरेट हाउस और एनजीओ में हायर किया जाता है।
साइकोलॉजिस्ट बनने के लिए जरूरी बातें(Psychiatrist Banne Ke Liye Kya Karna Padta Hai)
बता दें कि एक सक्सेसफुल साइकोलॉजिस्ट्स बनने के लिए अच्छी कम्युनिकेशन स्किल्स, व्यक्ति में धैर्य होना काफी आवश्यक होता है। इसी के साथ व्यक्ति को सभी उम्र के लोगों के साथ काम करने की कला होनी चाहिए। इसके साथ ही साइकोलॉजिस्ट्स के लिए सेंसिटिव, केयरिंग, आत्मविश्वासी होने के साथ क्लाइंट को संतुष्ट करने की योग्यता होना भी आवश्यक है।
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