बॉलीवुड के कई फिल्मों में प्रेमी-प्रेमिका के रूठ जाने और मना लेने की कई दिलचस्प कहानियाँ आपने देखी होगी जिसमें एक्ट्रेस को मनाने के लिए एक्टर कितनी कोशिश करता है। कभी नदी में खुली आसमान के नीचे नाव पर बैठकर तो कभी खुली जगह पर अपने प्रेम का इज़हार करता हैं। किंतु जो काम सुपरस्टार एक्टर धर्मेंद्र ने एक्ट्रेस वैजयंती माला के लिए किया वह अपने आप में काफी रेयर है। सन् 1969 में एक हिंदी मूवी रिलीज़ हुई थी जिसका नाम था ‘प्यार ही प्यार’। इसी फिल्म में एक्टर धर्मेंद्र और एक्ट्रेस वैजयंती माला पहली बार एक साथ किसी फिल्म में काम कर रहे थे। इन दोनों कलाकारों की जोड़ी फैंस को काफी ज़्यादा पसंद आई।
इस फिल्म के गाने भी काफी ज़्यादा हिट साबित हुए। इसी मूवी का एक गीत ‘मैं कहीं कवि न बन जाऊं’ आज भी संगीत प्रेमियों के ज़हन में ताज़ा हैं। इस गीत की शायरी काफी अच्छी थी और इसको काफी अच्छे से फिल्माया भी गया था। अब आप में से ज्यादातर लोगों के दिमाग में ये सवाल आ रहा होगा की इस गाने को फिल्माए जाने में क्या नया या अलग था। तो हम आपको बता दे की इस गाने को धर्मेंद्र और वैजयंती माला के ऊपर फिल्माया गया है। इसमें अलग बात ये हैं की इस पूरे गाने को लिफ्ट के अंदर फिल्माया गया है। जी हां, बिल्कुल सही पढ़ा हैं आपने। इस पूरे गाने में धर्मेंद्र रूठी हुई एक्ट्रेस वैजयंतीमाला को मनाते हुए दिखते हैं। वे वैजयंतीमाला के लिए गाना गाते हैं और अंत में वैजयंती माला मान भी जाती हैं। लेकिन यह सारी शूटिंग लिफ्ट के भीतर ही होता है।
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उस दौर में काफी मशहूर हुआ था ये गाना
फिल्म ‘प्यार ही प्यार’ (Pyar Hi Pyar) का ये गीत ‘मैं कहीं कवि न बन जाऊं’ को मशहूर शायर हसरत जयपुरी ने लिखा हैं और इस गाने का संगीत शंकर-जयकिशन ने दिया है। इस गाने को बहुत ही सुरीले आवाज में दिवंगत गायक मोहम्मद रफी ने गाया है। यह गाना अपने दौर के सबसे फेमस गानों में से एक था। इस मूवी के निर्देशक भप्पी सोनी थे। इसमें महमूद, प्राण, हेलन और मदन पुरी जैसे दिग्गज अभिनेताओं ने काम किया।
आपको बता दे की एक्टर धमेंद्र और एक्ट्रेस वैजयंतीमाला अब तक केवल एक ही बार एक साथ एक ही फिल्म में दिखे हैं। इस जोड़ी को इस फिल्म के बाद कभी भी एक साथ काम करते नहीं देखा गया।