भारत के विभिन्न धार्मिक स्थलों में तिरुपति बालाजी(Tirupati Balaji) का नाम काफी प्रसिद्ध है। यहाँ देश और दुनिया से भक्त आते हैं और अपनी इच्छा अनुसार दान भी करते हैं। गौरतलब है कि, मंदिरों में दान में मिले पैसों को मंदिर कल्याण कार्य में ही लगाया जाता है। बीते दिनों तिरुपति बालाजी मंदिर में भक्तों से मिले दान की राशि पचास करोड़ बताई जा रही है। लेकिन अफ़सोस की बात यह है कि, वो पैसे किसी काम के नहीं हैं। आइये जाने आखिर क्यों ये पैसे बेकार माने जा रहे हैं।
इस वजह से दान किये पैसों को माना जा रहा है बेकार
स्कूपव्हूप से मिली जानकारी के अनुसार तिरुपति मंदिर(Tirupati Balaji) में भक्तों द्वारा किए पैसों से पचास करोड़ की राशि जमा हुई है वो इसलिए किसी काम के नहीं हैं क्योंकि वो पुराने नोट हैं। तिरुपति देवस्थानम के एक कर्मचारी से मिली जानकारी में उन्होनें बताया कि, हज़ार और पांच सौ के पुराने नोट बंद होने के वाबजूद भी भक्तों द्वारा इसका दान किया जाता रहा है। बता दें कि, तिरुपति बालाजी मंदिर में भक्तों ने करीबन 1.8 लाख हज़ार के नोट और साढ़े छह लाख के करीब पांच सौ के नोट दान किए हैं।
मंदिर प्रशासन ने वित्त मंत्री से किया ये अनुरोध
भले ही दान में मिले पैसे पचास करोड़ हों लेकिन फिलहाल तिरुपति(Tirupati Balaji) मंदिर में इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता क्योंकि पुराने नोट अब अवैध माने जाते हैं। इस बाबत तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के चेयरमैन वाई.वी.सुब्बा रेड्डी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से अनुरोध किया है कि, वो पुराने नोटों को आरबीआई में जमा करने की अनुमति दें। पुराने नोटों को लेकर मंदिर प्रशासन ने साल 2017 में भी वित्त मंत्री को चिट्ठी लिखी थी।
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तिरुपति मंदिर(Tirupati Balaji) प्रशासन भक्तों को पुराने नोट दान करने से मना नहीं कर सकता क्योंकि यह उनके आस्था और विश्वास का मामला है। बहरहाल यदि वित्त मंत्री तिरुपति कमेटी को दान किये पैसे आरबीआई में जमा करने की अनुमति देती हैं तो उन पैसों से मंदिर से जुड़े काफी काम करवाए जा सकते हैं।