अर्जेंटीना के महान फुटबॉलर डिएगो माराडोना(Diego Maradona) का 60 साल की उम्र में हार्ट अटैक से निधन हो गया। वे दो हफ्ते पहले ही ब्रेन सर्जरी करवा कर घर लौटे थे और उनको यह अटैक उन्हीं के घर पर आया। इसकी सूचना अर्जेंटीना की स्थानीय मीडिया ने बुधवार को दी। डिएगो माराडोना फुटबाल की दुनिया के सुपर स्टार थे। उन्होने अर्जेंटीना को 13वीं विश्व कप फुटबॉल प्रतियोगिता में अकेले अपने दम पर जीत दिलवाई थी, जिसके कारण उन्हें छोटा पैले, फुटबाल का जादूगर, करोड़पति फुटबॉलर आदि कई नामों से जाना जाता था। आइए जानें उनके जीवन से जुड़ी कुछ और खास बातें।
कौन थे डिएगो माराडोना(Diego Maradona)?
डिएगो माराडोना(Diego Maradona) का जन्म 30 अक्तूबर, 1960 को अर्जेटीना में हुआ था। वे बेहद गरीब परिवार से थे और 8 भाई-बहनों में 5वें थे। आर्थिक तंगी के चलते फुटबॉल खरीदने के पैसे ना होने के कारण वे बचपन में टिन के डिब्बों, पुराने कागजों और बेकार कपड़ों से बनी गेंदों से खेला करते थे।
कैसे शुरू हुआ महान फुटबॉलर बनने का सफर?
फुटबाल ट्रेनर फ्रांसिस कारनेजो ने उनके टैलेंट को पहचाना और जॉर्ज सिजटेर स्लीपर ने उन्हें सुपर स्टार बनने में मदद की। सन 1976 में मात्र 16 साल की उम्र में उन्होने हंगरी के खिलाफ अपने देश का प्रतिनिधित्व किया। जिसके बाद 1978 में भी वे वर्ल्ड कप के लिए चुने जाते, लेकिन एक ट्रेनर के उन्हे “कच्चा खिलाड़ी” बताने के कारण ऐसा ना हो सका। हालांकि 1978 में हुए हर अन्तर्राष्ट्रीय मैच में माराडोना(Diego Maradona) ने बेहद शानदार प्रदर्शन किया। 1979 की युवा फुटबाल विश्व कप चैमिपयनशिप भी अर्जेंटीना को इन्हीं की बदौलत हासिल हुई।
1980-81 में दक्षिण अमेरिका ने माराडोना को सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर के अवार्ड से नवाजा और 1986 में उन्होने 13वें विश्व कप के हर मैच में शानदार प्रदर्शन कर देश को विश्व चैम्पियन बनाया। उनका अपने खेल पर इतना कंट्रोल था कि उनके होते हुए विपक्षी टीम गेंद तक हासिल नहीं कर पाती थी। उनकी इसी प्रतिभा को देखकर पैले ने कहा था “इस लड़के को रोकना बहुत मुश्किल है”।
गौरतलब है कि उनके हर प्रदर्शन पर उन्हें सोने की एक गेंद भेंट की जाती थी। कहते हैं कि वे अपने जमाने के सबसे महंगे प्लेयर थे। बता दें कि इस महान खिलाडी पर कई बार ड्रग्स लेने के आरोप भी लगे और 2004 में भी वे हार्ट अटैक के कारण आईसीयू में रहे थे।