Maharaja Duleep Singh Mansion: जानकारी है कि, ब्रिटेन लंदन में एक महल की नीलामी होने जा रही है। लेकिन इसका व्यापक असर भारत के लोगों पर होता दिखाई दे रहा है। इसकी वजह है कि, जिस महल की नीलामी होने जा रही है वो असल में सिखों के अंतिम महाराजा दलीप सिंह का है। स्कूपव्हूप से मिली जानकारी के अनुसार महाराजा दलीप सिंह(Maharaja Duleep Singh) के बेटे प्रिंस विक्टर अल्बर्ट जय दलीप सिंह(Victor Albert Jay Duleep Singh) इस को इस महल का मालिकाना हक प्राप्त था । आइये इस महल के बारे में आपको कुछ मुख्य तथ्यों से रूबरू करवाते हैं।
इस महल की शुरूआती नीलामी कीमत है अरबों में
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, सिखों के अंतिम महाराजा दलीप सिंह(Maharaja Duleep Singh) के ब्रिटेन स्थित महल की नीलामी होने जा रही है। इस महल की शुरूआती नीलामी कीमत एक अरब 52 करोड़ रूपये रखी गई है। यह महल 19 वीं सदी में सिखों के अंतिम महाराजा की अंतिम निशानी है। यहाँ जानें इस महल के जुड़े आवश्यक तथ्यों को।
राजा दलीप सिंह(Maharaja Duleep Singh) के महल से जुड़े अहम तथ्य इस प्रकार हैं
- ब्रिटेन स्थित इस महल में सिखों के अंतिम राजा दलीप सिंह रहा करते थे। यह महल मुख्य रूप से उनके बेटे प्रिंस विक्टर अल्बर्ट जय दलीप सिंह को उनकी शादी में तोहफे के रूप में मिला था।
- बता दें कि, दलीप सिंह सिखों के महान राजा रणजीत सिंह के सबसे छोटे बेटे थे। उन्हें सिख साम्राज्य का अंतिम राजा माना जाता है जिन्हें 1849 में हुई एंग्लो-सिख युद्ध के बाद सत्ता से बेदखल कर इंग्लैंड भेज दिया गया था।
- दलीप सिंह के बेटे प्रिंस अल्बर्ट दलीप सिंह का जन्म लंदन में साल 1866 में हुआ था। महारानी विक्टोरिया को उनकी गॉड मदर माना जाता है अल्बर्ट ने साल 1898 में लेडी ऐन कॉवेन्ट्री से शादी की और उसके बाद वो इस महल में रहने आ गए।
- सूत्रों की माने तो यह महल साल 1868 में बनकर तैयार हुआ था जिसे बाद में ईस्ट इंडिया कंपनी ने खरीद लिया था। बाद में ईस्ट इंडिया कंपनी ने भी इस महल को कमाई के लिए लीज पर देकर इसे पंजीकृत करवा दिया था। जानकारी हो कि, यह बेहद खूबसूरत और शानदार महल लंदन के लिट्ल बोलटोन्स में स्थित है। इस इलाके को लंदन का दिल माना जाता है।
- इस महल को इटालियन शैली के रूप में बनाया गया है जो 5613 वर्ग फ़ीट में फैला है। इस महल के अंदर पांच बेडरूम, एक फैमिली हॉल, एक बड़ा किचन, दो लिविंग रूम, जिम और स्टाफ रूम हैं। इस महल को बनाने का काम जॉन स्पाईसर को सौंपा गया था और इसका डिज़ाइन जॉर्ज गॉडविन जूनियर नाम के आर्टिटेक्ट ने तैयार किया था।
- जानकारी हो कि, सन 1918 में मोनाको में प्रिंस विक्टर अल्बर्ट जय दलीप सिंह की मौत हो गई थी। इसके बाद उनकी पत्नी ऐन कॉवेन्ट्री यहाँ रहने चली आई थी। साल 1956 में उन्होनें ने भी अपनी आखिरी सांस इसी महल में ली।
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बहरहाल महाराजा(Maharaja Duleep Singh) और महारानी दोनों की मौत के बाद यह महल किसी ने निजी तौर पर खरीद लिया। इतने पुराने इस महल को आखिरी बार साल 2010 में ठीक करवाने के बाद आधुनिक शैली में बदला गया।