आखिरकार बहुप्रतीक्षित नये संसद भवन(New Parliament Building) के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट(Central Vista Project) के अंतर्गत इसका निर्माण होने वाला है, जिसे कि कुछ शर्तों के साथ सुप्रीम कोर्ट की तरफ से मंजूरी मिल गई है। इसके पक्ष में फैसला मंगलवार को जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने सुनाया।
अब तक लगी थी रोक
इस प्रोजेक्ट पर अब तक सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने रोक लगाकर रखा था। हालांकि, लैंड यूज़ को बदलने का आरोप लगाते हुए विस्टा(Central Vista Project) की वैधता पर सवाल उठाने वाली याचिका पर फिलहाल कोर्ट ने कोई निर्णय नहीं देते हुए इसे लंबित रख लिया है।
आये दो फैसले
इस मामले में दो अलग-अलग निर्णय आये हैं, जिनमें से एक निर्णय जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी ने सुनाया है, जबकि दूसरा निर्णय जस्टिस संजीव खन्ना ने सुनाया है।
कोई खामी नहीं
पर्यावरण कमेटी ने जो रिपोर्ट दी है, उसे सुप्रीम कोर्ट ने नियमों के मुताबिक मान लिया है। प्रोजेक्ट के लिए पर्यावरण संबंधी मंजूरी या फिर अन्य प्रकार की अनुमति में सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक कोई भी खामी नहीं है, जिसकी वजह से अपने इस (Central Vista Project) प्रोजेक्ट को सरकार आगे बढ़ा सकती है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने यह भी कह दिया है कि हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी की मंजूरी भी निर्माण कार्य शुरू करने से पहले लेनी पड़ेगी।
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दायर की गई थीं याचिकाएं
सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) में दरअसल इस परियोजना को लेकर कई याचिकाएं दाखिल कर दी गई थीं, जिनमें यह कहा गया था कि पर्यावरणीय मंजूरी लेने की प्रक्रिया में कई तरह की खामियां मौजूद हैं। हालांकि, अदालत ने आखिरकार इन सभी दलीलों को खारिज करते हुए कुछ शर्तों के साथ अब निर्माण कार्य शुरू करने की अनुमति दे दी है। ऐसे में अब नया संसद भवन(New Parliament Building) समय से बनकर तैयार हो जाएगा।