WHO: कोरोना वायरस महामारी ने दुनिया को अपनी मुट्ठी में पूरी तरह से जकड़ लिया है। बीते चार महीने से लोगों का घर से निकलना और एक नार्मल लाइफस्टाइल को फॉलो करना बेहद मुश्किल हो गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के गाइडलाइन्स को फॉलो करने के वाबजूद भी लोग इस महामारी से खुद को बचा पाने में असफल रहे हैं। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक बार फिर से चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि, कोरोना महामारी के साथ ही एक और महामारी पनप रही है जिसका प्रभाव इससे भी ज्यादा लोगों की जिंदगी पर पड़ेगा। WHO ने इस बेनाम महामारी से होने वाले नुकसान को बहुत बड़ा बताया है। आइये जानते हैं आखिर कोरोना वायरस के साथ और कौन सी महामारी पनप रही है जो दुनिया को नुकसान पहुंचा सकती है।
कोविड-19 से होने वाली मौत से भी ज्यादा भयानक है ये महामारी
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस एडहैनम घेब्रियेसुस ने इस बारे में दुनिया को चेतावनी देते हुए कहा है कि, इस अनाम महामारी का प्रभाव दुनिया पर कोरोना वायरस से होने वाली मौतों से भी ज्यादा होगा। WHO प्रमुख के अनुसार इस महामारी का सबसे ज्यादा प्रभाव कई देशों के हेल्थ सिस्टम पर पड़ने वाला है। उन्होनें ने बताया है कि, इसकी बड़ी वजह यह है कि हेल्थ सिस्टम पर इन दिनों दवाब काफी ज्यादा बढ़ गया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि, विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इस महामारी का सबसे ज्यादा प्रभाव महिलाओं और बच्चों पर पड़ सकता है। इस बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए नतालिया केनम जो की यूनाइटेड नेशन्स पॉपुलेशन फण्ड की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं, उन्होनें बताया है कि, “कोरोना वायरस महामारी के भीतर भी एक महामारी उत्पन्न हो गई है।” इसका असर अगले छह महीने में दुनिया के विभिन्न देशों में देखने को मिल सकता है।
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क्या वजह होगी इस बेनाम महामारी की ?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात पर चर्चा की गई है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में नतालिया केनम ने बताया है कि, इस बेनाम महामारी का असर प्रेग्नेंट महिलाओं पर सबसे ज्यादा होगा। विशेष रूप से उन्हें डिलीवरी के समय परेशानी हो सकती है और इस वजह से महिलाओं की मौत भी हो सकती है। यह एक ऐसी महामारी है जो कोरोना वायरस से भी ज्यादा खतरनाक है। इसकी वजह बताते हुए नतालिया ने कहा कि, बीते छह महीने की लॉकडाउन की वजह से एक अनुमान के अनुसार महिलाओं को कंट्रासेप्शन की सुविधा भी नहीं मिल पाएगी और इससे बिना मर्जी के करीबन 70 लाख से भी ज्यादा बच्चों का जन्म होगा। इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए इंटर पार्लियामेंट्री यूनियन की प्रेजिडेंट कुवास बैरन ने कहा है कि, इस अंदरूनी महामारी का असर छह करोड़ से भी ज्यादा बच्चों पर होगा। गरीबी हद से ज्यादा बढ़ जाएगी और लोगों को खाना नसीब होना भी मुश्किल हो जाएगा। बता दें कि, दुनिया में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 76.5 के करीब पहुंच गया है। अब तक चार लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। बहरहाल आने समय और भी कठिन हो सकता है।