कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान जहां एक तरफ महराष्ट्र सरकार ने दुकानें, रेस्त्रां, मॉल समेत बार तक को खोल दिया है। दूसरी तरफ मंदिरों और पूजा स्थलों को बंद रखने के चलते भाजपा इसका पुरजोर विरोध कर रही है। महराष्ट्र में सिद्धिविनायक मंदिर से लेकर शिरडी तक मंदिर के संत-पुजारी समेत हजारों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं ने इसके खिलाफ विरोध और धरना प्रदर्शन कर शुरु कर दिया है।
गर्वनर ने लिखी उद्धव को चिट्ठी


राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि “यह विडंबना है कि एक तरफ सरकार ने बार और रेस्तरां खोले हैं, लेकिन दूसरी तरफ, देवी और देवताओं के स्थल को नहीं खोला गया है। आप हिंदुत्व के मजबूत पक्षधर रहे हैं। आपने भगवान राम के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी भक्ति व्यक्त की।”
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि आपने “आषाढ़ी एकादशी पर विट्ठल रुक्मणी मंदिर का दौरा किया था, क्या आपने अचानक खुद को धर्मनिरपेक्ष बना लिया है? जिस शब्द से आपको नफरत है? दिल्ली में पूजा स्थल खोले गए हैं लेकिन कोविड -19 मामलों में वृद्धि हुई है।”
शिरडी में महंतों का एकदिवसीय अनशन
वहीं भाजपा के आध्यात्मिक प्रकोष से जुड़े संत-पुजारी और महंतों ने शिरडी में एकदिवसीय अनशन शुरू कर दिया है। पुजारियों का मानना है कि सरकार ने कोरोना में लगे लॉकडाउन के 7 महीने बाद शराब की दुकानें समेत कई बार और रेस्टोरेंट को खोलने की इजाजत दे दी लेकिन आस्था से जुड़े लोगों को मंदिर और पूजा स्थल जाने से रोका जा रहा है। क्योंकि सरकार ने अभी तक मंदिरों को खोलने का आदेश नहीं दिया है।