CBSE Syllabus Reduce: जैसा कि आप सभी जानते हैं इस समय कोरोना वायरस की वजह से सभी स्कूल कॉलेज आदि बंद हैं। बारहवीं में पढ़ने वाले CBSE के छात्रों की परीक्षा भी पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे में सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ सेकंडरी एजुकेशन (CBSE) ने बीते मंगलवार को बच्चों के सर से पढ़ाई का भार कम करने के लिए सभी स्कूलों में सिलेबस को 30 फ़ीसदी तक कम करने की घोषणा की है। सिलेबस कम करने की वजह से बच्चों के कोर्स में से बहुत से अहम् चैप्टर को हटा दिया गया है। इसके बाद एनसीइआरटी के डायरेक्टर ने इस फैसला पर अपनी प्रतिक्रिया पेश की है। आइये जानते हैं आखिर CBSE ने किस चैप्टर को कोर्स से कम किया है।
सीबीएसई ने इन महत्वपूर्ण चैप्टर्स को हटाया सिलेबस से (CBSE removed these important chapters from the syllabus)


एनसीइआरटी के डायरेक्टर ने इस बारे में दिया अहम बयान
बता दें कि, सीबीएसई के इस फैसले पर एनसीइआरटी के डायरेक्टर कृष्ण कुमार ने अपने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि, ऐसे महत्वपूर्ण चैप्टर्स को कोर्स से हटाया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होनें बताया कि, सीबीएसई की किताबों से इन चैप्टर्स को हटाकर बच्चों के पढ़ने और समझने के अधिकार को छीना जा रहा है। इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए कृष्ण कुमार ने बताया है कि, “सोचने वाली बात है कि, आप सोशल मूवमेंट जैसे चैप्टर हटाकर हिस्ट्री कैसे पढ़ा सकते हैं?, आखिर हिस्ट्री भी तो सोशल मूवमेंट से ही निकली है।” एनसीइआरटी के डायरेक्टर ने सीबीएसई पर निशाना साधते हुए इन चैप्टर्स को हटाए जाने की जरुरत को बेबुनियाद बताया है। जानकारी हो कि, कृष्ण कुमार साल 2004 से 2010 तक एनसीइआरटी के डायरेक्टर थे। सीबीएसई के इस फैसले पर सीबीएसई के पॉलिटिकल साइंटिस्ट सुहास पल्शिकर ने भी असहमति व्यक्त की है। उन्होनें अपनी राय देते हुए कहा है कि, “स्कूली बच्चों के सर से शिक्षा का बोझ कम करने के और भी तरीके हो सकते हैं, सिलेबस में जो जरूरी हो उसे पढ़ाया जाए और बाकी को सप्लीमेंट्री रखा जाए।”
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