Coronavirus India: कोरोना महामारी से लड़ने के लिए केंद्र सरकार ने अब पूरी तरह से कमर कस ली है। राज्यों की मदद के लिए केंद्र सरकार की ओर से इमरजेंसी रिस्पांस हेल्थ सिस्टम पैकेज के तहत के तहत 15 हजार करोड़ रुपए जारी कर दिए गए हैं। सभी राज्यों में हेल्थ केयर सिस्टम को मजबूत बनाया जा सके, इसके लिए पूरा फंड इस्तेमाल करने को लेकर केंद्र सरकार की ओर से सभी राज्यों को मंजूरी भी प्रदान कर दी गई है। केंद्र सरकार की ओर से इसके लिए इंडिया कोविड-19 इमरजेंसी रिस्पांस हेल्थ सिस्टम (India COVID-19 Emergency Response and Health System Preparedness Package) पैकेज की घोषणा की गई है। खर्च करने के लिए जितनी भी रकम होगी, यह पूरी रकम इस पैकेज के अंतर्गत केंद्र सरकार की ओर से ही दी जाएगी।
तीन चरणों में (Government Sanctions Rs 15000 Crore to Fight Coronavirus)
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक वंदना गुरुनानी की ओर से एक विज्ञप्ति जारी करके यह जानकारी दी गई है कि 100 फ़ीसदी इस केंद्रीय परियोजना को तीन चरणों में लागू किए जाने की योजना है, जिसकी अवधि जनवरी, 2020 से मार्च, 2024 तक की होगी। इस प्रोजेक्ट के तहत सबसे पहला उद्देश्य कोरोना से संक्रमित मरीजों को बचाना और कोरोना की रोकथाम करना होगा। इसके अलावा राज्य के साथ केंद्रीय स्तर पर स्वास्थ्य सिस्टम को मजबूत बनाने के कदम इसके तहत उठाए जाएंगे। इसके अलावा मेडिकल उपकरणों की खरीदारी होगी। दवाएं खरीदी जाएंगी और लैब भी बनाए जाएंगे। बायो-सिक्योरिटी की भी इसके तहत तैयारी की जाएगी और निगरानी गतिविधियों को मजबूत बनाया जाएगा।
इन पर भी होगा फोकस
सभी राज्यों के साथ केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और हेल्थ कमिश्नरों को इस विज्ञप्ति को भेज दिया गया है। इसमें कहा गया है कि फंड तत्काल उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके तहत जो पहले चरण की गतिविधियां होने वाली हैं, उनमें कोविड-19 अस्पतालों को बनाना सबसे प्रमुख है। इसके अलावा अन्य अस्पतालों को भी इसके तहत विकसित किया जाना है। साथ में आइसोलेशन रूम बनाए जाने हैं। वेंटिलेटर उपलब्ध कराए जाने हैं। आईसीयू की उपलब्धता बढ़ानी है। ऑक्सीजन की आपूर्ति अस्पतालों में की जानी है। इसके अलावा अस्पतालों में लैब को भी दुरुस्त करना है।
केंद्र करेगा आपूर्ति
एंबुलेंस और लैब की संख्या को भी बढ़ाया जाना पहले चरण की योजना का हिस्सा है। सुरक्षा उपकरण (PPE), N95 मास्क और वेंटिलेटर की खरीदारी में भी राज्यों को इस पैकेज के तहत सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। केंद्र सरकार इन्हें खरीदेगी और इनकी आपूर्ति करेगी।