खालसा एड संस्था जरूरतमंदों की मदद करने के लिए जानी जाती है। यह एक ऐसी संस्था है जो कि दुनिया के किसी भी कोने में जरूरतमंदों की मदद करने के लिए कभी पीछे नहीं हटती है। ब्रिटेन की इस संस्था के चर्चे पूरी दुनिया में है। खालसा एड(Khalsa Aid) अपने मानवता के कार्य के लिए बहुत ही प्रचलित है। इस संस्था को कनाडा के 2 सांसदों ने नोबेल शांति पुरस्कार(Nobel Peace Prize) के लिए नॉमिनेट किया है।
जानिए खालसा एड(Khalsa Aid) संस्था के बारे में
खालसा एड(Khalsa Aid) संस्था किसी भी समस्या से जूझ रहे लोगों की मदद हमेशा करती है, चाहे वह समस्या प्राकृतिक आपदा हो या फिर कोई शारीरिक परेशानी। इसके स्वयं सेवक लोगों की सेवा करने के लिए हमेशा आगे खड़े रहते है। इस संस्था के अच्छे कार्य को देखकर कनाडा के दो सांसद टीम उप्पल और परबमीत सिंह ने खालसा एड को नोबेल शांति पुरस्कार 2021(Nobel Peace Prize 2021) के लिए नॉमिनेट किया है।
टीम उप्पल(Tim Uppal) ने सोमवार को अपने ट्विटर अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर करके इसकी सूचना दुनिया को दी। खालसा एड की शुरुआत 1999 में भारतीय मूल के रविंदर सिंह के द्वारा की गई थी, तभी से यह संस्था अच्छे कार्य में लोगों की मदद करती है और उन्हें मुसीबत से बाहर निकालती है। खालसा एड संस्था ब्रिटेन के अलावा भारत, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में भी अपना काम करती है।
इस बारे में जब खालसा एड(Khalsa Aid) से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह नोबेल पुरस्कार(Nobel Peace Prize) के लिए नामांकित होने के कारण वह बहुत खुश हैं और बहुत विनम्र महसूस कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ खालसा एड को लेकर भारत में काफी विवाद भी हुआ है। यह भी कहा जाता है कि खालसा एड के रिश्ते खालिस्तानी आतंकवादियों के साथ भी हैं।
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हाल ही में चल रहे किसान आंदोलन(Farmers Protest) को भी इस संस्थान ने काफी सपोर्ट किया है। खालसा एड(Khalsa Aid) ने किसानों को खाने-पीने की सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई है साथ ही साथ दिल्ली के टिकरी बॉर्डर(Tikri Border) में इन्होंने किसान मॉल की भी स्थापना की है।