Vocal for Local: आप सभी को याद होगा कि, देश के नाम अपने आखिरी भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वदेशी अपनाओं पर काफी जोर दिया है। उन्होनें देश को आत्मनिर्भर बनाने में हर किसी को देशी चीजों का उपयोग करने की सलाह दी थी। इसके लिए प्रधानमंत्री योजना के तहत “Vocal for Local” नाम से एक अभियान भी चलाया जा रहा है। इसी को फॉलो करते हुए अब देश भर के विभिन्न डिफेंस कैंटीन में विदेशी शराब का आर्डर दिया जाना बंद कर दिया गया है। विदेशी शराब की जगह पर देशी को ज्यादा महत्व दिया जा रहा है। आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
डिफेंस कैंटीन में सस्ते दरों पर बेचे जाते हैं विदेशी सामान (Make in India Swadeshi Defense Canteen Stops Sale of Foreign Liquor)
![make in india swadeshi defense canteen stops sale of foreign liquor](https://hindi.rapidleaks.com/wp-content/uploads/2020/06/make-in-india-swadeshi-defense-canteen-stops-sale-of-foreign-liquor-1.jpg)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, देश भर के विदेशी कैंटीन में सैनिकों के परिवार के लिए कम दामों पर विदेशी सामानों की बिक्री की जाती है। विभिन्न खाद्य पदार्थों और इलेक्ट्रॉनिक सामानों के साथ ही विदेशी दारु की भी बिक्री की जाती थी। हालाँकि इन कैंटीन में स्वदेशी सामान भी काफी संख्या में बेचे जाते हैं। लेकिन अब विशेष रूप से प्रधानमंत्री “Vocal for Local” योजना के तहत अब इन कैंटीन में स्वदेशी सामानों के साथ देशी दारु की बिक्री पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। इसके कारण ही विदेशी शराब के आर्डर पर रोक लगा दी गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पहले हर माह शिवास और ग्लेंलिवेट स्कॉच व्हिस्की सहित अन्य शराब के लिए करीबन पांच हज़ार केस का आर्डर दिया जाता था, लेकिन मई से इन कंपनियों को शराब का कोई आर्डर नहीं दिया गया है। बता दें कि, डिफेंस कैंटीन से मई के बाद जॉनी वाकर ब्लैक लेबल व्हिस्की और सिंगल माल्ट का भी कोई आर्डर नहीं दिया गया है।
इस संबंध में कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है
आपको बता दें कि, डिफेंस कैंटीन में विदेशी शराब की बिक्री पर रोक लगाने के लिए फिलहाल कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। गौरतलब है कि, इस बारे में फिलहाल ना तो विदेशी शराब कंपनियां और ना ही रक्षा मंत्रालय द्वारा ही कोई बयान जारी किया गया है। यहाँ तक कि, इस संबंध में कोई लिखित आदेश भी जारी नहीं किया गया है।
हालाँकि कुछ सूत्रों की माने तो यह कदम विशेष रूप से प्रधानमंत्री द्वारा आत्मनिर्भर भारत योजना को सफल बनाने के लिए उठाया गया है। इसलिए जरूरी नहीं है कि, इसकी कोई औपचारिक घोषणा की जाए। जहाँ तक डिफेंस कैंटीन में विदेशी शराबों के दामों की बात है तो, आपको बता दें कि, केवल महाराष्ट्र डिफेंस कैंटीन में एक जॉनी वाकर ब्लैक की बोतल की कीमत सिर्फ 3600 है जबकि आमतौर ये लोगों को 5500 रूपये की मिलती है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि, डिफेंस कैंटीन की तरफ से हर साल करीबन तीन हज़ार करोड़ से भी ज्यादा रूपये की शराब बेची जाती है। इस क्रम में विदेशी शराब की बिक्री से 129 करोड़ की राशि प्राप्त होती है। फिलहाल डिफेंस कैंटीन में भारत में बनने वाली रम, व्हिस्की और बीयर आदि कि बिक्री हो रही है।
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