Pulwama History प्रकृति की अनुपम देन है पुलवामा, यहाँ की जलवायु में बड़ी संख्या में झरने और प्राकृतिक नज़ारों की भरमार है। यहां तसर और मर्सार सबसे महत्वपूर्ण झीलों में से हैं। शहर से क़रीब 39 किलोमीटर दूर अहरबिल झरने की सुदंरता को देखते ही बनती है।
कृषि उत्पादक है पुलवामा Pulwama History
यहां की अर्थव्यवस्था मुख्यतः खेती पर निर्भर है। यहां चावल और केसर की खेती होती है। पुलवामा ज़िला पूरी दुनिया में केसर के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। केसर यहां पुलवामा, पंपोर, काकापोरा ब्लॉक में उगाई जाती है।
ज़िले के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में धान, ऑयल सीड, केसर और दूध जैसे कृषि उत्पादों का मुख्य योगदान है। फलों के मामले में यह ज़िला सेब, बादाम, अखरोट और चेरी की खेती में लगा है। यहां की 70 फ़ीसदी आबादी इन्हीं उत्पादों की खेती में लगी है। बाकी 30 फ़ीसदी कृषक अन्य खेती में लगी है। इसके अलावा दूध के उत्पादन को लेकर पुलवामा ‘कश्मीर का आनंद’ के नाम से प्रसिद्ध है।
पुलवामा विशेष तौर पर राजा अवंतिवर्मन और लाल्ता दित्य के बनाए पुरातात्विक स्मारकों के लिए प्रसिद्ध है। अवंतिपोरा शहर बस्तरवान या वास्तुरवान पहाड़ की तलहटी में स्थित है, जहां जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग के साथ झेलम नदी बहती है।
Source:BBC