महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने के बाद से सियासी संग्राम थमने का नाम नहीं ले रहा है। चुनाव में सबसे ज्यादा सीट हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी और दूसरे स्थान पर रही शिवसेना के बीच सीट बंटवारा ना होने के कारण सरकार नहीं बन पाई। जिसके बाद पाला शिवसेना के हाथ में चला गया। लेकिन अब मामला शिवसेना के हाथ से भी निकलता हुआ नजर आ रहा है। दरअसल महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना को सोमवार शाम 6:30 बजे तक का वक्त दिया था। लेकिन तब तक शिवसेना सरकार बनाने का दावा पेश नहीं कर पाई। शिवसेना ने राज्यपाल से और 24 घंटे का वक्त मांगा था। लेकिन होशियारी ने यह वक़्त देने से मना कर दिया और उन्होंने सरकार बनाने के लिए राकंपा को निमंत्रित किया। लेकिन ऐसे में साफ है जब राज्य की पहले और दूसरे नंबर की पार्टी सरकार बनाने में असफल रही तो तीसरे नंबर की पार्टी सरकार बनाने के लिए दावेदार कैसे हो सकती है। अब जाकर एक अंग्रेजी अखबार के हवाले से खबर आ रही है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश भेजी है। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन के लिए ब्राजील दौरे पर रवाना होने से पहले केंद्रीय कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई। इस दौरान भी केंद्रीय कैबिनेट के द्वारा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश किए जाने की खबर सामने आई।
शिवसेना ने दिखाई नाराजगी


किस आधार पर लगाई गई है सिफारिश?
जो रिपोर्ट सामने आई है उसके मुताबिक महाराष्ट्र में राज्यपाल को एनसीपी ने सुबह करीब 11:00 बजे एक चिट्ठी भेजी है। जिसमें सरकार गठन के लिए और समय की मांग की गई है। इसी चिट्ठी के आधार पर राज्यपाल ने केंद्र सरकार से आर्टिकल 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की। इसके बाद राजभवन की तरफ से एक प्रेस रिलीज भी सार्वजनिक की गई है।