Punarnava Benefits in Hindi
आयुर्वेदिक ग्रंथों में कई सारी जटिल से जटिल बीमारियों और रोगों का इलाज बताया गया है और निश्चित रूप से तकरीबन हर बार बहुत से आयुर्वेदिक दवा तथा जड़ी बूटियां अपना जबरदस्त असर भी दिखाती हैं जो महंगी से महंगी दवा तक नहीं कर पाती। आज हम आपको ऐसी ही एक आयुर्वेदिक बूटी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे आमतौर पर लोग पुनर्नवा के नाम से जानते हैं। पुनर्नवा एक औषधीय पौधा है जिसका शाब्दिक अर्थ है पुनरुत्थान और इसी चीज़ के लिए इस पौधे का उपयोग किया जाता है। इसमें उच्च पौष्टिक तत्व होने के कारण इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। इसमें विटामिन सी, आयरन, प्रोटीन, कैल्शियम और सोडियम आदि तत्व पाए जाते हैं।
पुनर्नवा का पौधा बरसात के महीनों में अधिकांश उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगता है। भारत के कुछ भागों जैसे कि पश्चिम बंगाल और असम में पुनर्नवा का इस्तेमाल भोजन पकाने में भी किया जाता है। यह एक ऐसी जड़ी बूटी है जो हमारी सेहत में सुधार कर आयु को बढ़ाने में मदद करती है। आयुर्वेद में भी इस बात का वर्णन किया गया है कि पुनर्नवा में तनाव को दूर करने वाले तत्व मौजूद होते हैं एवं इसे रसायन और लिवर को सुरक्षा प्रदान करने के लिए भी जाना जाता है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं पुनर्नवा के फायदे और नुकसान के बारे में।
पुनर्नवा के फायदे [Punarnava Benefits in Hindi]
कैंसर विरोधी एजेंट
पुनर्नवा को कैंसर के इलाज के लिए सबसे अच्छी जड़ी बूटियों में से एक माना जाता है। पुनर्नवा, एक कैंसर विरोधी एजेंट माना जाता है। एक रिसर्च मे यह पता चला है कि यह प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाता है और मेटास्टैटिक प्रगति को रोकता है। पुनर्नवा के पूरे पौधे का इस्तेमाल कैंसर के इलाज में बहुत फायदेमंद माना जाता है।
वजन नियंत्रण
पुनर्नवा के सेवन से आपका वजन पूरी तरह से नियंत्रण में रहता है यानि कि आप ना ही ज्यादा मोटे होंगे और ना ही ज्यादा पतले होंगे, बल्कि आपका वजन एकदम परफेक्ट रहेगा।
मूत्र-पथ के संक्रमण से बचाव
पुनर्नवा पुरुषों और महिलाओं दोनों में होने वाले मूत्र-पथ के संक्रमण से लड़ता है। इसमें एंटी-स्पाज्मोडिक और एंटी-माइक्रोबियल गुण होने के साथ-साथ एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो यू।टी।आई का एक उत्कृष्ट इलाज है।
कुष्ठ रोग में लाभदायी
यदि कोई व्यक्ति कुष्ठ रोग से ग्रसित है तो उस मरीज को पुनर्नवा को सुपारी के साथ सुबह-शाम खिलाने से कुष्ठ रोग में शीघ्र लाभ होता है।
दाग-धब्बों को करे दूर
यदि किसी को चर्म रोग, दाग या धब्बे हैं, तो वह उस स्थान पर पुनर्नवा के जड़ को पीसकर लगायें। लगातार नियमित रूप से इसका प्रयोग करने से कुछ ही दिन में ही इसका असर दिखने लगेगा।
अनिद्रा करे दूर
आज के समय में अनिद्रा हर किसी की समस्या बनी हुई है और शायद ही ऐसा कोई हो जो पूरी और गहरी नींद ले पाता हो, लेकिन इसका बेहेतरीन इलाज है पुनर्नवा। पुनर्नवा की जड़ो का काढ़ा पीने से आपको बेहतर नींद आती है और आप सुबह खुद को तरोताजा महसूस करते हैं। यह काढ़ा आप सोने से आधे घंटे पहले लें। रोजाना लेने से आपकी अनिद्रा की समस्या दूर हो जायेगी।
पुनर्नवा के नुकसान
जैसा कि हम सभी इस बात से अच्छी तरह से वाकिफ हैं कि किसी भी चीज की अधिकता नुकसान दायक हो जाती है फिर चाहे वो कितनी भी अच्छी चीज ही क्यों ना हो। कुछ ऐसा ही पुनर्नवा पर भी लागू होता है। चूंकि इसके फायदे तो अनेक हैं मगर इसके कुछ नुकसान भी हैं। तो चलिए जानते हैं क्या है इस आयुर्वेदिक जड़ी बूटी के नुकसान।
चिकित्सक हमेशा इस बात की सलाह देते हैं कि गर्भावस्था के समय इसका सेवन चिकित्सक की देखरेख में करें। इसके अलावा स्तनपान कराने वाली माता और बच्चों में इसका उपयोग सुरक्षित नहीं बताया गया है। चूंकि पुनर्नवा एक मूत्रवर्धक के रूप में कार्य करता है, इसलिए उच्च रक्तचाप और गुर्दे की बीमारी वाले लोग इसका प्रयोग सावधानी से करें अन्यथा परिणाम गंभीर हो सकते हैं