Lockdown 2.0: कोरोना संकट की वजह से इस वक्त देशभर में लॉकडाउन लगा हुआ है। सभी लोग अपने अपने घरों में रहने को मजबूर हैं। ऐसे में अवसाद की समस्या बढ़ती जा रही है। लॉकडाउन के इस दौर में अवसाद जिसे कि आमतौर पर डिप्रेशन के नाम से जानते हैं, बड़ी तादाद में लोग इसका सामना कर रहे हैं। वास्तव में बहुत से लोग तो ऐसे भी हैं, जिन्हें तो यह मालूम भी नहीं है कि वे अवसाद की समस्या का सामना कर रहे हैं। WHO की रिपोर्ट बताती है कि वैश्विक स्तर पर डिप्रेशन के सबसे अधिक मामले भारत अमेरिका और चीन में हैं। कोरोना महामारी के इस दौर में लोग केवल भारत में ही नहीं, बल्कि अन्य कई देशों में भी अवसाद से जूझ रहे हैं। वास्तव में यह गहरी चिंता का विषय सभी के लिए है।
Lockdown 2.0 कठिन है ये वक्त
जो लोग डिप्रेशन का सामना कर रहे हैं, उनके लिए यह बड़ा ही कठिन वक्त है। लॉकडाउन जब खत्म हो जाएगा तब इसके मामले और तेजी से बढ़ सकते हैं। वर्ष 1990 के दौरान फ्रांस में भी कुछ और वजह से इसी तरह का लॉकडाउन लगाया गया था। वहां भी उस वक्त सबसे अधिक समस्या डिप्रेशन की ही देखी गई थी।
क्या होता है अवसाद में? Lockdown 2.0
आदमी जब डिप्रेशन का शिकार हो जाता है तो हमेशा वह उदासी के आगोश में रहता है। हर वक्त उसे चिंता सताती रहती है। किसी भी काम में मन लगाना उसके लिए मुश्किल हो जाता है। ना तो वह खुद को एकाग्र कर पाता है और ना ही ठीक तरीके से निर्णय ले पाने की स्थिति में होता है। आत्महत्या जैसे खतरनाक विचार भी उसके मन में आते रहते हैं। बेचैनी उसे महसूस होती है। चिड़चिड़ाहट भी व्यक्ति में आ जाती है। सामाजिक जीवन से डिप्रेशन का शिकार व्यक्ति दूरी बना लेता है। शराब और नशे की लत उसे लग जाती है। भूख उसे नहीं लगती है। वजन उसका घटने लगता है या फिर बढ़ने लगता है।
नींद और एक्सरसाइज
कुछ ऐसे तरीके हैं जिन्हें अपनाकर आप डिप्रेशन से खुद को बचा सकते हैं। इसके लिए आपको हेल्थी फूड का सेवन करना चाहिए। साथ ही नींद लेनी बहुत जरूरी है। कम-से-कम 8 घंटे तो आपको जरूर सोना चाहिए। घर में नियमित रूप से एक्सरसाइज करने की आदत आपको डाल लेनी चाहिए। इसमें आप स्ट्रेचिंग कर सकते हैं। ध्यान लगा सकते हैं। प्राणायाम भी कर सकते हैं। नकारात्मक खबरों से आपको दूरी बना लेनी चाहिए। न्यूज़ कम ही देखना चाहिए। जो विश्वासप्रद सोर्सेज हैं, न्यूज़ केवल आप वहीं से प्राप्त करें।
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सकारात्मक पहलुओं पर दें ध्यान
डिप्रेशन से खुद को बचाने के लिए आप अच्छी किताबों का भी सहारा ले सकते हैं। अच्छी वेब सीरीज आपको देखनी चाहिए। टीवी सीरीज को भी देखकर आप डिप्रेशन को खुद से दूर रख सकते हैं। एक और सबसे महत्वपूर्ण चीज यह है कि चाहे जो भी काम हो या फिर जो भी बातें हों, आपको उनके केवल सकारात्मक पहलुओं पर ही ध्यान देना चाहिए। कॉल और मैसेज के माध्यम से आपको अपने दोस्तों और सगे संबंधियों के साथ इस वक्त जुड़े रहना चाहिए।
आत्मचिंतन करें
लॉकडाउन के इस वक्त में आपको आत्मचिंतन और आत्ममंथन करना चाहिए। सोचना चाहिए कि आपमें अलग कुछ ऐसा क्या है, जिसे आप भविष्य में अपने पैशन के रूप में आगे बढ़ा सकते हैं। किसी तरह की दवाई आप खाते हैं तो उसे नियमित रूप से खाते रहें। दवाइयां साथ में नहीं ला पाए हैं तो डॉक्टर से परामर्श करके उसके विकल्प की जानकारी ले लें। गार्डनिंग आप इस दौरान करें। कुकिंग और स्केचिंग जैसे काम भी कर सकते हैं। लोगों की मदद भी आप इस दौरान कर सकते हैं। किसी NGO या संस्था से जुड़कर कुछ दान दे सकते हैं। कई रिसर्च बता चुके हैं कि जब आप किसी की मदद करते हैं तो इससे बड़ी खुशी मिलती है। यह आपको बहुत अच्छा महसूस कराता है।