Types Of Salt In Hindi: नमक के प्रकार के बारे में आप शायद नहीं जानते होंगें लेकिन कुछ प्रकार का प्रयोग हमारे घरों पर किया जाता है। नमक के बिना खाने का स्वाद अधूरा होता है, किसी भी डिश में स्वाद लाने का काम नमक ही करता है। हाँ लेकिन ज्यादा मात्रा में नमक का इस्तेमाल करने से आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंच सकता है। जी हाँ ज्यादा मात्रा में खाने में नमक का इस्तेमाल करने से ब्लड प्रेसर और हार्ट की समस्या उत्पन्न हो सकती है। आज इस आर्टिकल में हम आपको नमक के विभिन्न प्रकार और सेहत के लिए फायदेमंद माने जाने वाले नमक के बारे में भी बताने जा रहे हैं। नमक के प्रकार(Types Of Salt) के बारे में आप शायद नहीं जानते होंगें लेकिन कुछ प्रकार का प्रयोग हमारे घरों पर किया जाता है। नमक के बिना खाने का स्वाद अधूरा होता है, किसी भी डिश में स्वाद लाने का काम नमक ही करता है। हाँ लेकिन ज्यादा मात्रा में नमक का इस्तेमाल करने से आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंच सकता है। जी हाँ ज्यादा मात्रा में खाने में नमक का इस्तेमाल करने से ब्लड प्रेसर और हार्ट की समस्या उत्पन्न हो सकती है। आज इस आर्टिकल में हम आपको नमक के विभिन्न प्रकार और सेहत के लिए फायदेमंद माने जाने वाले नमक के बारे में भी बताने जा रहे हैं।
Types Of Salt In Hindi: ये हैं नमक के प्रकार, इनमें से कुछ शरीर के लिए फायदेमंद हैं
1. ब्लैक साल्ट (Kala Namak)
नमक के इस प्रकार को हिमालियन साल्ट के नाम से भी जाना जाता है। बता दें कि, इस नमक को विशेष रूप से चारकोल, मिक्स मसाले, पेड़ की छाल और बीच के प्रयोग से संरक्षित किया जाता है। काला नमक को ओवन में पूरे दिन रखकर प्रोसेस किया जाता है। इस नमक का इस्तेमाल खाने में करने से विशेष रूप से पेट की समस्याओं से निजात मिलता है। इसके सेवन से बदहजमी, पेट में जलन और सूजन आदि की समस्या से निजात मिल सकता है। ब्लैक साल्ट का इस्तेमाल लोग सलाद और चाट आदि में भी स्वाद लाने के लिए करते हैं।
2. टेबल नमक (Table Salt)
नमक के इस प्रकार का प्रयोग आमतौर से घरों में खाना बनाने में किया जाता है। जी हाँ आपके किचन में मौजूद नमक को ही टेबल नमक कहते हैं। इसे मार्केट में बेचने से पहले इस नमक को प्रोसेस कर इसकी पॉलिशिंग की जाती है। इसमें खासतौर से आयोडीन मिलाया जाता है जिससे थॉयरॉइड की समस्या उत्पन्न नहीं होती है। जैसा की आप सभी जानते हैं शरीर में आयोडीन की कमी के कारण थायरॉइड की समस्या होती है। इस नमक के सेवन से बच्चे के मानसिक विकास में सहायता मिलती है। हाँ लेकिन ज्यादा मात्रा में इस नमक के सेवन से शरीर को नुकसान भी पहुँचता है।
3. सेंधा नमक (Himalayan Salt)
नमक के इस प्रकार को ही बोलचाल की भाषा में लोग हिमालियन पिंक साल्ट भी कहते हैं। यह नमक विशेष रूप से पाकिस्तान के हिमालयी क्षेत्र में पाया जाता है। इस नमक को नमक का सबसे शुद्ध रूप माना जाता है। बता दें कि, इस नमक में विशेष रूप से अधिक मात्रा में प्राकृतिक खनिज और नया पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। इस नमक का रंग सफ़ेद और डीप पिंक होता है। खाने में नमक के इस प्रकार का प्रयोग करने से ब्लड शुगर लेवल को बैलेंस किया जा सकता है। इसके साथ ही यह मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या होने से भी बचाता है।
4. समुद्री नमक (Sea Salt)
नमक के प्रकार में समुद्री साल्ट या सी साल्ट का इस्तेमाल सबसे कम रिफाइन करके किया जाता है। यह नमक विशेष रूप से समुद्री वाष्पीकरण के द्वारा तैयार किया जाता है। इस नमक में आयोडीन की मात्रा सबसे ज्यादा पाई जाती है। यूँ तो नमक के हर किस्म में कुछ ना कुछ हेल्थ फैक्टर जरूर मौजूद होता है। लेकिन आयोडीन युक्त नमक को सेहत के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।
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तो ये थे नमक के प्रकार(Types Of Salt In Hindi) जिनका सेवन खाने में लोग करते हैं। यदि आप ब्लड प्रेसर की समस्या और हार्ट की बीमारियों से बचना चाहते हैं तो नमक का सेवन कम से कम करें। विशेषज्ञों की माने तो एक समान्य व्यक्ति को एक दिन में केवल एक नमक का ही इस्तेमाल करना चाहिए।