Lucid Dreams Meaning In Hindi: हम सभी सोते हुए सपने देखते हैं। सपने भी अलग-अलग तरह के होते हैं हमें रूलाने वाले, हंसाने वाले या फिर डराने वाले। और इन सपनों पर हमारा कोई ज़ोर नहीं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक तकनीक के ज़रिए आप सोते समय मनचाहे सपने देख सकते हैं। जी हां…वो तकनीक है ल्यूसिड ड्रीमिंग (Lucid dreaming) हम जो चाहते हैं इस तकनीक के ज़रिए सपने में देख सकते हैं, अपनी कल्पनाओं को जी सकते हैं और उनका अंत भी अपने मन मुताबिक तय कर सकते है।
ल्यूसिड ड्रीमिंग(Lucid Dreaming) वास्तविकता से परे एक ऐसी दुनिया है जिसे हम अपने हिसाब से जी सकते हैं। यानि सरल शब्दों में कहें तो सपनों की वो दुनिया जिसमें जैसा हम चाहते हैं वैसा हो सकता है। और अपने मन का होता देख खुश हो सकते हैं।
नेगेटिविटी को कर सकते हैं दूर
कई बार हमारे सपने पूरे नहीं होते और हम निराशा से घिर जाते हैं….कई लोगों पर इसका असर इतना गहरा होता है कि वो अवसाद की चपेट में आ जाते हैं और नकारात्मकता के अंधेरों से घिर जाते हैं। ऐसे में ल्यूसिड ड्रीमिंड (Lucid Dreaming Technique) लोगों को इस नेगेटिविटी से दूर रख सकती है। और अगर लोग नेगेटिविटी से दूर रहेंगे तो निराशा उनके पास भी नहीं फटकेगी।
ऐसे अनुभव करें ल्यूसिड ड्रीम
अगर आप भी ल्यूसिड ड्रीम (Lucid Dream) को अनुभव करना चाहते हैं, अपने मन मुताबिक सपने देखना चाहते हैं तो इसके लिए आपको कुछ टिप्स की जानकारी ज़रूरी होनी चाहिए। आज अपने इस लेख में हम आपको ल्यूसिड ड्रीमिंग टेक्निक Lucid Dreaming Technique की जानकारी देंगे ताकि आप अपने सपनों को सपनों में ही सही साकार होता ज़रूरी देख सके। इसके लिए आपको कुछ खास बातों का ध्यान रखना होगा। जैसे –
1. दिन के समय कुछ बातों को दोहराएं
अगर आप ल्यूसिड ड्रीम को अनुभव करना चाहते हैं तो दिन में बार-बार कुछ बातों को दोहराने से ये किया जा सकता है। आप बार – बार जब किसी बात, किस्से को दोहराते हैं तो मनचाहे सपने की शुरूआत वहीं से हो जाती है। और हम ल्यूसिड ड्रीमिंग की ओर बढ़ जाते हैं।
2. सपनों की किताब
इसक मतलब है कि जब भी आप रात को कोई सपना देखें तो उसे किसी डायरी में ज़रूर लिख कर रखें। क्योंकि ये टेक्निक आपको ल्युसिड ड्रीम को समझने में काफी मदद देती है। इन्हे लिखने से आपको समझ आ जाता है कि ये सभी आपकी अधूरी इच्छाए हैं जिन्हे आप सपनो में जी सकते हैं या उन्हे पूरा होते देख सकते हैं।
3. ल्यूसिड ड्रीम का सबसे सही समय
यूं तो इंसान 7-8 घंटे की नींद लेता ही है लेकिन ये पूरी समय अवधि ल्यूसिड ड्रीम के लिए सही समय नहीं है। बल्कि इसके लिए नींद खुलने के बाद की कुछ समय की नींद ही सबसे बेस्ट मानी जाती है। जैसे – आप रात को सो जाते हैं लेकिन इक्सर 4-5 बजे के बीच नींद खुल ही जाती है। ये वो समय होता है जब मनुष्य चेतना की और बढ़ रहा होता है लेकिन दिमाग अर्धचेतन होने के चलते आप दोबारा आसानी से सो जाते हैं और यही समय ल्यूसिड ड्रीमिंग के लिए परफेक्ट माना जाता है। यानि जब मनुष्य का मस्तिष्ट पूरी तरह से जाग्रत ना हो तब आप मनचाहे सपने देख सकते हैं।
चलिए अब आपकी आसानी के लिए आपको स्टेप बाई स्टेप समझाते हैं।
- सोने से पहले अलार्म लगाएं। जैसे, अगर आप सुबह 6 बजे उठते है तो अलार्म 3 से 4 बजे का लगाएं। अगर 7 बजे उठते हैं तो सुबह 4-5 बजे के बीच का अलार्म लगाएं।
- अलार्म बजने पर जैसे ही उठें तो तुरंत अपने सपने को याद करें।
- जितना सपना आप याद रख पाते है उसे याद करते हुए, मन में सोचते हुए वापस से सो जाएं। लेकिन खुद को इस बात का निर्देश भी देते रहें कि ये एक लुसिड ड्रीम है। सपने से अलग किसी भी तरह का फालतू विचार मन में ना आने दें।
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