अमीर मां-बाप के बच्चे अक्सर अपने मां-बाप के पैसों पर ही ऐश करते हुए देखे जाते हैं। ज्यादातर ऐसे बच्चे अपने मां-बाप के ही बिजनेस को आगे संभालते हैं। उनके पास इतनी धन-संपत्ति होती है कि वे ऐशो-आराम की जिंदगी जीते हैं, लेकिन रूस में एक ऐसा व्यक्ति भी है, जो अरबों-खरबों रुपया कमाने वाले इंसान का बेटा है, लेकिन फिर भी वह किराए का कमरा लेकर रह रहा है। सुनने में भले ही यह थोड़ा अजीब लगे, लेकिन यह सच है।
दो कमरे का किराए का घर
मिखाइल फ्रिडमैन रूस के ग्यारहवें सबसे अमीर व्यक्ति हैं। उनके पास 13.7 बिलियन डॉलर की संपत्ति है, जो कि रुपये में करीब 98 हजार करोड़ के बराबर है। इतना अमीर व्यक्ति होने के बावजूद इनका बेटा जिसकी उम्र 19 साल की है, वह यहां किराए का एक घर लेकर रह रहा है। अब आपके दिमाग में यह आ रहा होगा कि जब बाप के पास इतनी संपत्ति है तो आखिर बेटा एक किराए के घर में रहने के लिए मजबूर क्यों है? कहीं ऐसा तो नहीं कि बाप ने उसे अपनी संपत्ति से बेदखल कर दिया है या फिर बेटे ने खुद अपनी इच्छा से यह निर्णय लिया है। यहां हम आपको एक ऐसा ही रोचक किस्सा बता रहे हैं।
देते हैं 35 हजार महीना किराया
मीडिया में आई रिपोर्ट्स में यह बताया गया है कि मिखाइल फ्रिडमैन के बेटे एलेक्जेंडर फ्रीडमैन ने रूस की राजधानी मास्को में एक घर किराए पर लिया हुआ है, जिसमें दो कमरे हैं। वे यहां हर महीने 500 डॉलर यानी कि 35 हजार रुपये किराया दे रहे हैं। इनके बाप इतने अमीर हैं कि एलेक्जेंडर चाहें तो अपने लिए महंगी से महंगी गाड़ियां खरीद सकते हैं, फिर भी इनके पास एक भी गाड़ी नहीं है। ये अपने दफ्तर जाने के लिए टैक्सी या फिर मेट्रो का इस्तेमाल करते हैं। इतने अमीर बाप के बेटे होने के बावजूद ये सामान्य जिंदगी गुजर-बसर कर रहे हैं।
खाना-पहनना सब खुद के पैसों से
मीडिया में एलेक्जेंडर की ओर से यह बताया गया है कि जो भी खाना वे खाते हैं या फिर जो भी कपड़े वे पहनते हैं, ये सभी उन्होंने अपनी ही कमाई से खरीदे हैं। दरअसल वे अपनी खुद की एक अलग पहचान बनाना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि उन्हें अपने पिता की अमीरी की वजह से नहीं, बल्कि उनकी मेहनत के दम पर कमाए गए नाम की वजह से जाना जाए। बताया जा रहा है कि एलेक्जेंडर ने अभी पिछले वर्ष ही लंदन में एक हाई स्कूल से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया है। इसके बाद वे मास्को लौट आए हैं। यहां उन्होंने तीन करोड़ रुपये से अपने तीन दोस्तों के साथ मिलकर एक कंपनी शुरू की है। उनकी यह कंपनी हुक्का उत्पाद तैयार करके इसका बिजनेस करती है।
मेहनत से बिकने लगे उत्पाद
एलेक्जेंडर फ्रिडमैन के पिता मिखाइल फ्रिडमैन रूस के एक बहुत बड़े उद्योगपति हैं। उनकी कई बड़ी-बड़ी कंपनियां हैं। साथ में उनकी कई खुदरा दुकानें भी चलती हैं। एलेक्जेंडर अपने उत्पादों को जिस तरह से अन्य खुदरा दुकानों में बेचते हैं, उसी तरीके से अपने पिता की खुदरा दुकानों में भी वे प्रोडक्ट की सप्लाई करते हैं। अपने उत्पादों की अच्छी बिक्री को लेकर एलेक्जेंडर फ्रिडमैन कहते हैं कि उनके पिता के नाम की वजह से लोग उनका उत्पाद नहीं खरीद रहे हैं, बल्कि अपनी मेहनत के दम पर जो उन्होंने नाम कमाया है, उसकी वजह से उनके उत्पादों की बिक्री मार्केट में हो रही है। एलेक्जेंडर के मुताबिक खुद से अपनी मेहनत करके अपना नाम कमाने का उनका यह आईडिया धीरे-धीरे रंग लाने लगा है। इसकी वजह से वे एक अरबपति बाप के बेटे के तौर पर नहीं, बल्कि एक मेहनतकश युवा के तौर पर पहचाने जाने लगे हैं।
पिता से ये सीखा
एलेक्जेंडर से जब यह पूछा गया कि उन्होंने अपने पिता से क्या सीखा है तो इस पर उनका जवाब था कि वे अपने बिजनेस को आक्रामक तरीके से चलाते हैं, लेकिन इसमें पूरी तरह से निष्पक्ष भी होते हैं। एलेक्जेंडर के मुताबिक उनके पिता ने हमेशा उनसे कहा है कि वे उनके बिजनेस में एक पार्टनर की तरह हैं। एलेक्जेंडर के मुताबिक यदि आपको अच्छी कमाई करनी है तो आपको इसे साझा करने की जरूरत पड़ती ही है। एलेक्जेंडर का कहना है कि वे आगे भी इसी तरह से अपनी मेहनत के दम पर कंपनी को नई ऊंचाइयों तक लेकर जाएंगे।