Guru Nanak Jayanti Kab Hai 2024: हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के दिन सिखों के पहले गुरु नानक देव का जन्मदिन मनाया जाता है। इस दिन को गुरु नानक जयंती कहा जाता। इस साल गुरु नानक जयंती के 556 साल पूरे हो रहे हैं। यानी गुरु नानक देव जी की 556 वी जयंती को 15 नवंबर के दिन मनाया जाएगा। गुरु नानक देव जी को सिख धर्म का संस्थापक कहा जाता है। चुकी इस साल गुरु नानक देव जी की 556 वीं जयंती मनाई जा रही है। तो यह दिन हर साल के मुकाबले बेहद ही खास होने वाला है। इस साल गुरुपूरब की 556 वीं जयंती को बेहद ही धूमधाम से मनाया जाएगा। गुरु नानक देव जी एक दार्शनिक, समाज सुधारक, कवि, गृहस्थ, योगी और देशभक्त थे। तो चलिए जानते हैं कि कौन थे गुरु नानक देव जी और कैसे मनाया जाता है उनका जन्मोत्सव।
कौन थे गुरु नानक देव जी ?
गुरु नानक देव जी सिखों के पहले धर्मगुरु थें। इन्होंने ही सिख धर्म की स्थापना भी की थी। सिख धर्म के धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुरु नानक देव का जन्म 1526 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था। हालांकि कुछ अन्य विद्वानों के मुताबिक गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल 1469 के दिन हुआ था। जिस दिन को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। ऐसा कहते हैं कि नानक साहब का मन बचपन से ही सांसारिक मोह माया में नहीं लगता था। वह सदैव ईश्वर की भक्ति और सत्संग में डूबे रहते थे। महज 8 वर्ष की आयु में ही उनका स्कूल भी छूट चुका था। और वह भगवान के प्रति समर्पित हो चुके थे उन्हें लोग दिव्य पुरुष माना करते थे।
कैसे मनाई जाती है गुरु नानक जयंती?(Guru Nanak Jayanti Kab Hai 2024)
इस दिन दुनिया भर के गुरुद्वारे में शब्द कीर्तन का आयोजन किया जाता है। साथ ही जगह-जगह पर लंगर भी खिलाए जाते हैं। केवल गुरुद्वारों में ही नहीं बल्कि लोग अपने अपने घरों में भी गुरबाणी का पाठ कराते हैं। इस दिन सिख समुदाय द्वारा जुलूस एवं शोभायात्रा निकाली जाती है। पंजाब प्रांत में यह जुलूस हाथी घोड़ों और नानक देव के जीवन से संबंधित सुसज्जित झांकियों के साथ निकाली जाती है।
इसी दिन गुरु नानक देव जी के जन्म दिवस के मौके पर विशाल नगर कीर्तन का भी आयोजन होता है। और सबसे अच्छी बात यह है कि यह बेहद ही धूम धाम और एवं धार्मिक तरीके से मनाया जाता है। गुरु ग्रंथ साहिब को फूलों की पालकी से सजे वाहन पर रखकर पूरे शहर में विभिन्न जगहों पर घुमाया जाता है और अंत में यह गुरुद्वारे पहुंचता है। इस दिन कई जगह प्रभातफेरी भी निकाली जाती है। प्रभातफेरी के दौरान कीर्तनी जत्थे कीर्तन कर संगत को निहाल करते हैं।
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गुरु नानक देव की शिक्षाएं:
आज के दिन आपको गुरु नानक देव के द्वारा दी गई शिक्षा के बारे में जरूर जाना चाहिए। तो चलिए एक नजर उनकी दी गई शिक्षाओं पर भी डालते हैं।
- परमपिता परमेश्वर एक है.
- न कोई हिंदू है, न मुसलमान है, सभी मनुष्य हैं, सभी समान हैं।
- हमेशा एक ईश्वर की उपासना करो।
- प्रभु के लिए खुशियों के गीत गाओ, प्रभु के नाम की सेवा करो, और उसके सेवकों के सेवक बन जाओ।
- ना मैं एक बच्चा हूँ , ना एक नवयुवक, ना ही मैं पौराणिक हूँ, ना ही किसी जाति का हूँ।
- धन-समृद्धि से युक्त बड़े बड़े राज्यों के राजा-महाराजों की तुलना भी उस चींटी से नहीं की जा सकती है जिसमे में ईश्वर का प्रेम भरा हो।
- उसकी चमक से सबकुछ प्रकाशमान है।
- वह जिसे खुद में भरोसा नहीं है उसे कभी ईश्वर में भरोसा नहीं हो सकता।
- केवल वो बोलो जो जो तुम्हारे लिए सम्मान लेकर आये।
गुरु पूरब के 556 वीं जयंती पर गुरदासपुर कॉरिडोर सिखों के लिए एक बेहतरीन तोहफा:
गुरु नानक जयंती के 556वें वर्ष पर भारत और पाकिस्तान ने मिलकर सिख समुदाय के लिए गुरदासपुर कॉरिडोर को समन्वय भाव से खोलकर समुदाय को एक बेहतरीन तोहफा दिया है। 4.2 किलोमीटर में बना यह कॉरिडोर भारत से पाकिस्तान के गुरदासपुर गुरुद्वारे तक जाता है। ऐसी मान्यता है कि गुरु नानक जी ने अपने जीवन के आखिरी वर्ष इसी गुरुद्वारे में बिताए थें।