Hanuman Jayanti Kab Hai: हनुमान जयंती को हिन्दुओं के पवित्र त्यौहार का दर्जा मिला है। हनुमान जयंती, भगवान हनुमान के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष बड़े ही हर्षोल्लास के साथ पूरे भारत वर्ष में मनाया जाता है। प्रति वर्ष चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती का त्यौहार मनाया जाता है। आज के इस लेख में हम आपको हनुमान जयंती की तिथि, शुभ मुहूर्त और इसके महत्त्व के बारे में विस्तार के बताएँगे।
इस साल इस दिन मनाई जाएगी हनुमान जयंती(Hanuman Jayanti Kab Hai)
हिन्दू पंचांग के अनुसार इस साल चैत्र माह के पूर्णिमा तिथि का शुभारंभ 5 अप्रैल, दिन बुधवार को सुबह 9 बजकर 19 मिनट से होगा और इसका समापन 6 अप्रैल, दिन गुरुवार को सुबह 10 बजकर 4 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार इस साल हनुमान जयंती 6 अप्रैल को मनाई जाएगी।
हनुमान जयंती का शुभ मुहूर्त(Hanuman Jayanti Shubh Muhurat In Hindi)
चैत्र माह की पूर्णिमा यानी की हनुमान जयंती के दिन भगवान बजरंगबली की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 6 मिनट से शुरू होगा और उसी सुबह 7 बजकर 40 मिनट पर समाप्त होगा। इसके अलावा पूजा का विशेष मुहूर्त 6 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 2 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 53 मिनट पर समाप्त होगा।

हनुमान जयंती का महत्व(Hanuman Jayanti Mahatva)
हनुमान जयंती के दिन राम भक्त हनुमान जी की पूजा के साथ भव्य शोभायात्रा और मंत्र जाप भी किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि हनुमान जयंती के दिन भगवान हनुमान की पूजा करने के बाद भक्तों के सभी काम आसानी से सिद्ध होने लगते हैं। हनुमान जयंती के दिन सच्चे मन से की गयी हनुमान जी की पूजा के बाद भक्त को भय, संताप और दुःख और रोगों से मुक्ति मिलती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान हनुमान की पूजा करने के बाद भक्तों को भगवान राम और शनि देव की कृपा मिलती है।
शिव पुराण के अनुसार, भगवान हनुमान भोलेनाथ के 11 वें अवतार हैं और उनकी पूजा करने के बाद भक्तों को भगवान शिव की कृपा मिलती है।
आखिर क्यों मनाई जाती है साल में दो बार हनुमान जयंती
भगवान हनुमान की जन्म को लेकर तरह तरह की मान्यताएं हैं, कुछ पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान हनुमान का जन्म कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन हुआ था। वाल्मीकि कृत रामायण में भी इस बात का उल्लेख किया गया है कि भगवान हनुमान का जन्म मंगलवार के दिन स्वाति नक्षत्र में कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन हुआ था। ऐसे ही एक मान्यता है कि बजरंगबली का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन हुआ था।
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इन्ही धार्मिक मान्यताओं के आधार पर ही हर साल दो बार हनुमान जयंती मनाई जाती है।