Mokshada Ekadashi Kab Hai 2025: मोक्षदा एकादशी अगहन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इस साल मोक्षदा एकादशी 1 दिसंबर, सोमवार को मनाया जाएगा। मान्यता है मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत रखने से जीवन में जाने अंजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिल जाती है। पुराणों में ऐसा माना जाता था कि मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश देकर मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रर्दशित किया था।
क्या है मोक्षदा एकादशी की कहानी(Mokshada Ekadashi Ki Kahani)
प्राचीन काल में इसकी एक और कहानी है। वैखानस नाम का एक राजा था। जिसके राज्य में ब्राह्मण चारों वेदों के ज्ञाता थे। एक दिन राजा ने स्वप्न में अपने पिता को नर्क में देखा। जिसके बाद उनका मन बहुत विचलित हो गया। राजा ने इस स्वप्न के बारे में उन ब्राह्मणों से जानना चाहा और साथ ही साथ उपाय भी पूछा। परन्तु ब्राह्मणों ने राजा को पर्वत मुनि के पास जाने का सुझाव दिया। यह सुनकर राजा मुनि के पास आश्रम में जाते हैैं और मुनि के सामने अपनी सारी बातें बताते हैं। जिसपर मुनि ने राजा से कहा कि आपके पिताजी ने पूर्व जन्म में एक पाप किया था जिस पाप के कारण वे अब भी नर्क में है। यह सुनकर राजा सोच में पड़ गया। तभी मुनि ने उन्हें सुझाव दिया। बताया कि अगहन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को उपवास रखें। उस एकादशी व्रत के प्रभाव से आपके पिता को मुक्ति मिलेगी। राजा ने ठीक वैसा ही किया और उनके पति को नर्क से मुक्ति मिल गई। मोक्षदा एकादशी के दिन सुबह गंगाजी में स्नान करके घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए। मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से जीवन में किए गए पापों से छुटकारा मिलता है।
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इस दिन पूजा में तुलसी पत्ता अवश्य शामिल करें। इसी के साथ द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा देकर विदा करें। मोक्षदा एकादशी से एक दिन पहले दशमी के दिन सात्विक भोजन करना चाहिए। उपवास रखकर श्री हरि के नाम का संकीर्तन भी करना चाहिए।
उपवास रखने का सही समय(Mokshada Ekadashi Vrat Vidhi)
एकादशी व्रत तिथि | बुधवार, 11 दिसंबर 2024 |
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पारण का समय | 1 दिसंबर को प्रातः 06:28 बजे से प्रातः 08:47 बजे तक |
पारण के दिन द्वादशी तिथि समाप्त | 06:28 पूर्वाह्न |
एकादशी तिथि प्रारंभ | 1 दिसंबर 2025 को प्रातः 03:42 बजे |
एकादशी तिथि समाप्त | 2 दिसंबर 2025 को प्रातः 01:09 बजे |