Mysterious Temple of India: पूरी दुनिया कई ऐसे रहस्यों से घिरी हुई हैं जिनके बारे में आज भी विज्ञान पता नहीं लगा पाया है। इसके पहले भी हमने आपको भारत में स्थित कुछ ऐसे मंदिरो के बारे में बताया है जिसको लेकर आज भी कई रहस्य हैं जो अब भी अनसुलझें हैं। इन मंदिरों की विशेषताएं लोगों को हैरान कर देती हैं। आज हम आपको अद्भुत और रहस्यों से जुड़े मंदिरों की कड़ी में कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में बताएंगे जहां पर भगवान को पसीना आता है। तो चलिए आपको बताते हैं उस अद्भुत मंदिर के बारे में।
भारत में ऐसे कई मंदिर हैं जिनकी विशेषताएं हैरान कर देती हैं। ऐसा ही एक चमत्कारिक मंदिर है तमिलनाडु राज्य में जिसे सिक्कल सिंगारवेलावर मंदिर के नाम से जानते हैं। यह मंदिर भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। लोगों की ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में कार्तिकेय भगवान की प्रतिमा को पसीना आता है। भगवान की मूर्ति को पसीना तब आता है जब यहां अक्टूबर-नवंबर के महीने में मेले का आयोजन होता है।
मूर्ति से निकलता है पसीना
इस मंदिर में भगवान सुब्रमण्यम की पत्थर की प्रतिमा से पसीना निकलता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर में यहां होने वाला त्योहार राक्षस सुरापदमन पर भगवान कार्तिकेय की जीत की खुशी में मनाया जाता है। कहते हैं भगवान की मूर्ति से निकलने वाला ये पसीना, राक्षस को मारने की उत्सुकता और क्रोध का प्रतीक है। जैसे-जैसे त्योहार समाप्त होता है। मूर्ति से पसीना कम होने लगता है। मंदिर के पुजारी भगवान के इस पसीने को जल के रूप में भक्तों के ऊपर छिड़कते हैं।
भलेई माता मंदिर में भी आता है देवी को पसीना [Bhalei Mata Temple]
वहीं, हिमाचल प्रदेश में स्थित भलेई माता मंदिर की भी कुछ इसी तरह की दास्तां है। नवरात्र के समय इस मंदिर में भक्तों का तांता लगता है। इस दौरान माता की मूर्ति से पसीना भी बहता है। मंदिर के पुजारियों का मानना है कि माता भलेई यहीं प्रकट हुई थीं। इसलिए यहां पर उनका मंदिर है, जो भक्त यहां दर्शन करने आता है और उसी समय माता को पसीना आ जाए तो उस भक्त की मुरादें पूरी हो जाती हैं। इसलिए यहां भक्तों को माता के पसीने का निकलने का इंतजार रहता है।
मां काली के इस मंदिर में माता को लगती है गर्मी
वहीं, मध्य प्रदेश के जबलपुर में भी एक ऐसा ही मंदिर है। यहां मां काली का मंदिर है। धार्मिक मान्यता के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि यहां माता को गर्मी बर्दाश्त नहीं होती है। इसलिए उनकी मूर्ति से पसीना निकलता है। काली माता के इस मंदिर की महिमा को देखते हुए लोग यहां इस मंदिर में दूर-दूर से दर्शन करने के लिए आते हैं। यह मंदिर अपनी भव्यता को लेकर के काफी दूर तक मशहूर है। माता का यह भव्य मंदिर करीब 600 साल से अधिक पुराना है। इस मंदिर की स्थापना गोंडवाना साम्राज्य में बनवाया गया था।
बता दें कि पूरे भारत देश में कई ऐसे मंदिर हैं जो इस तरह के अद्भुत रहस्यों की वजह से पूरी देश दुनिया में मशहूर हैं। लोग इन मंदिरों में भगवान में आस्था के लिए दूर-दूर से आते हैं। मंदिरो के इस तरह के रहस्य लोगों के मन में भगवान के प्रति आस्था और विश्वास को बढ़ाते हैं। हालांकि, विज्ञान इन चमत्कारों में यकीन नहीं रखता। विज्ञान के पास इन चमत्कारों को ख़ारिज करने के लिए कोई न कोई कारण अवश्य होता है। लेकिन व्यक्ति जो अपनी आंखों से देखता है उसे भला झुठलाया भी कैसे जा सकता है।