Black Soil And Red Soil Pitch In Cricket In Hindi: भारतीय टीम ने अब तक बॉर्डर गावस्कर ट्राफी के दोनों ही मैचों में मेहमान ऑस्ट्रेलिया को आसानी से हराया है। ये सीरीज चार मैचों की है। अब एक मार्च से तीसरा टेस्ट मैच मध्य प्रदेश के इंदौर में खेला जाना है। होल्कर स्टेडियम में ये मैच होना है। इस ग्राउंड को भारत का सबसे छोटा अंतराष्ट्रीय क्रिकेट ग्राउंड भी कहा जाता है। भारतीय टीम अब इस सीरीज को अपने मुट्ठी में कर चुकी है। इंदौर के पिच को लेकर क्रिकेट जगत में बातचीत शुरू हो गई है। इस सीरीज के हर मैच के पहले पिच को लेकर काफी हंगामा हुआ है। यही सिलसिला यहाँ पर भी नज़र आ रहा है। असल में कुछ तस्वीरें सामने आई है जिनमें दिख रहा है कि लाल मिट्टी के उपयोग से पिच बनाई गई है। लेकिन कुछ हिस्सों में काली मिट्टी भी नज़र आ रही है। इस बात को लेकर सभी क्रिकेट विशेषज्ञ अपनी अपनी राय रख रहे हैं।
लाल और काली मिट्टी के पिच में ये होता है फर्क(Black Soil And Red Soil Pitch In Cricket)
जब क्यूरेटर लाल मिट्टी से पिच को बनाता है तो फास्ट बॉलर्स की चांदी हो जाती है। उनको पिच से बाउंस और गति मिलती है जिसकी वजह से वे ऐसे पिचों पर काफी कमाल का प्रदर्शन करते हैं। दूसरी ओर यदि पिच को काली मिट्टी का उपयोग करके बनाया जाता है तो इससे फिरकी गेंदबाज़ यानी कि स्पिनर्स काफी खुश होते हैं। काली मिट्टी से बने पिच के ऊपर क्रैक काफी जल्दी आती है। इन क्रैक्स के ऊपर बॉलिंग करते रहने से गेंद काफी ज़्यादा घूमती है। इससे काफी ज़्यादा संभावना बढ़ जाती है कि स्पिनर्स को ही ज़्यादा विकेट मिलेंगे। लेकिन एक बात तो तय है कि यदि काली मिट्टी की पिच बनी तो फिर रवींद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन और अक्षर पटेल विपक्षी बैटर्स के लिए मुश्किल खड़ी करेंगे। और वही दूसरी ओर अगर लाल मिट्टी की भी पिच बनाई जाती है तो भी भारतीय टीम के पास मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, उमेश यादव और जयदेव उनाडकट के जैसे तेज़ गेंदबाज़ मौजूद है। ये तेज़ गेंदबाज़ मिलकर किसी भी विरोधी टीम के बैटिंग लाइन अप को ध्वस्त करने में सक्षम है।
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