IPL News 2020: आईपीएल (IPL) यानि क्रिकेट का वो प्रारूप जिसने इस खेल की परिभाषा को काफी हद तक बदल कर रख दिया है। वहीं अब कहा जा रहा है कि इस बार इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier League) कुछ बदलावों के साथ आयोजित की जा सकती है। जी हां….दो ऐसे बदलाव हैं जिन्हे इस बार आईपीएल में लागू किया जा सकता है। पहला पावर प्लेयर (Power Player) और दूसरा नो बॉल (No Ball) के लिए अलग अंपायर। हालांकि अभी तक दोनों ही फैसलों में से किसी पर अधिकारिक मुहर नहीं लगी है। लेकिन विचार चल रहा है कि इस बार इन दो बदलावो को लागू कर दिया जाए।
नो बॉल के लिए हो सकता है अलग अंपायर
ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि जब आईपीएल संचालन परिषद नो बॉल के लिए विशेष अंपायर रखने पर विचार कर रही हो। दरअसल, आईपीएल के पिछले कई सीजनों में नो बॉल को लेकर कई बार विवाद की स्थिति पैदा हुई थी। यहां तक कि एक बार भारतीय कप्तान विराट कोहली की भारतीय अंपायर एस रवि से बहस भी हो गई थी, जो एक आईपीएल मैच के दौरान मुंबई इंडियंस के लसिथ मलिंगा की नो बॉल नहीं पकड़ सके थे और इसके चलते रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) को मैच में हार का सामना करना पड़ा था। लिहाज़ा अब इस बारे में सोचा जा रहा है कि नो बॉल के लिए अलग अंपायर रखा जाए ताकि आगे चलकर इस तरह के विवादों का सामना ना करना पड़े। ऐसे में संभव है कि इस आईपीएल सीज़न सब कुछ ठीक रहा तो नियमित अंपायरों के अलावा नो बॉल के लिए एक विशेष अंपायर नज़र आएगा।
प्लेइंग-11 नहीं बल्कि प्लेइंग-15 के कॉन्सेप्ट पर हो रहा है विचार
दूसरे बड़े बदलाव की बात करें तो वो है पावर प्लेयर (Power Player) का कॉन्सेप्ट। अगर ये कॉन्सेप्ट लागू हुआ तो आईपीएल और भी ज्यादा दिलचस्प और रोमांचक हो सकता है। इस कॉन्सेप्ट के तहत टीमें 11 नहीं, बल्कि 15 खिलाड़ियों को मैदान पर उतारेगी। और इनमें से कोई भी खिलाड़ी, किसी भी दूसरे खिलाड़ी को मैच के किसी भी मोड़ पर रिप्लेस कर सकेगा। खासतौर से कोई विकेट गिरने या ओवर खत्म होने पर किसी भी खिलाड़ी को किसी के साथ सब्सिट्यूट किया जा सकेगा। हालांकि इस नियम को बीसीसीआई के सामने तो रखा जा जुरा है लेकिन इस हाल ही में आयोजित होने वाली सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में लागू नहीं किया जाएगा क्योंकि इसके लिए अब ज्यादा समय नहीं बचा है। हालांकि आईपीएल में इस प्रयोग के तौर पर देखा जा सकता है। चलिए आपको विस्तार से बताते हैं इस कॉन्सेप्ट के बारे में।
अगर ये कॉन्सेप्ट वाकई लागू हो जाता है तो टीमें मैच से पहले प्लेइंग-11 नहीं, बल्कि प्लेइंग-15 की घोषणा करेंगी। मान लीजिए आखिरी ओवर में 20 रन बनाने हैं। 19वें ओवर की आखिरी गेंद पर कोई विकेट गिरता है और वो टीम आखिरी ओवर खेलने के लिए प्लेइंग 15 में से से ऐसे किसी खिलाड़ी को भी उतार सकेगी जिसने मैच में कोई गेंद ना तो फेंकी है, ना खेली है। और ऐसा प्लेयर आकर मैच जीता दें तो भला रोमांच तो पैदा होगा ही