Jodhpur Me Ghumne Ki Jagah: दुनिया में कई जगहें घूमने के लिए जाओ लेकिन अगर भारत के राजस्थान में स्थित कई पैलेस नहीं देखो तो आपका घूमना बेकार है। यहां पर कई ऐतिहासिक पैलेस है जो आपका मन मोह सकते हैं और यहां की पहाड़ियां भी आपको यहां बार-बार आने पर मजबूर कर सकता है। Jodhpur राजस्थान की शान माना जाता है और उदयपुर के बाद इस शहर को लोग जरूर देखने जाते हैं क्योंकि यहां पर कुछ ऐसे पैलेस हैं जहां पर बड़े-बड़े सेलिब्रिटीज भी जाने के लिए तरसते हैं।
जोधपुर में घूमने की जगहें [Jodhpur me Ghumne ki Jagah]
राजस्थान का दूसरा बड़ा शहर जोधपुर है और इसे ब्लू सिटी भी कहते हैं। इस शहर की रियासतें देखने के बाद आपको लगेगा कि यहां के राजा कितने पावरफुल हुआ करते होंगे। जोधपुर में कई प्रसिद्ध किलों, सिथानों, झीलों और ऐतिहासिक जगहों पर आप घूम सकते हैं। अगर आप छुट्टियों में इन सभी स्थलों का आनंद लेना चाहते हैं तो राजस्थान के जोधपुर में घूमना बिल्कुल नहीं भूलें। तो आपके जाने से पहले आपको यहां की कुछ प्रसिद्ध जगहों के बारे में हम आपको बता देते हैं।
मेहरानगढ़ किला (Mehrangarh Fort)
साल 1459 में राव जोधा ने मेहरानगढ़ किला बनवाया था और ये देश के सबसे बड़े किलों में एक है। करीब 410 फीट ऊंची पहाड़ियों की चोटी पर स्थित ये किला शहर का केंद्र है और ये 5किलोमीटर के क्षेत्रों को कवर करता है। इसकी दीवारों की ऊंचाई 36 मीटर और चौड़ाई 21 मीटर है। किले तक पहुंचने के लिए सात द्वार पार करने होते हैं, जिसमें विजय द्वार, फतेह गेट, गोपाल गेट, भैरों गेट, डेढ़ कमरा गेट, मार्टी गेट और अंत में लोहा गेट शामिल हैं। किले के अंगर शीश महल और फूल महल जैसे शानदार महल हैं।
उम्मेद भवन पैलेस (Ummed Bhavan Palace)
जोधपुर में अगर आपने उम्मेद भवन नहीं देखा तो बेकार है। ये वही जगह है जहां पर प्रियंका चोपड़ा और निक जोनस ने शादी की थी और यहां पर कई बॉलवुड फिल्मों की शूटिंग भी होती है। ये पैलेस अद्भुत डिजाइन और वास्तुकला के लिए लोकप्रिय है और ये पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। इस समय ये भवन तीन भागों में विभाजित है, जिसमें इस पैलेस के वंशज शाही परिवार रहता है, दूसरा हैरिटेज प्लेस है जहां लोग घूमने आते हैं और तीसरे भाग में म्यूजियम बनाया गया है।इस मगल को साल 1943 में बनवाया गया था और आज भी इसमें जोधपुर का शाही परिवार रहता है।
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घंटाघर (Ghantaghar)
शहर के केंद्र में होने की वजह से घण्टाघर शहर के भीतर ही उपलब्ध परिवहन के कई साधनों द्वारा पहुंचा जा सकता है। पूरे शहर में पर्यटकों के लिए किराए पर ऑटो-रिक्शा और टैक्सी भी उपलब्ध है, हालांकि इस क्षेत्र में एक बड़ी कार लेना उचित नहीं माना जाता। ऐसा इसलिए क्योंकि पर्यटक आमतौर पर क्लॉक टॉवर के साथ शहर के पुराने हिस्सों और बाजारों को भी देखते हैं। ये क्लॉक टॉवर तक पहुंचने के लिए इंटरसिटी बसें चलती हैं क्योंकि यहां पर घंटाघर सटी बस यहीं पास में है। इस जगह को देखना भी अलग तरह का अनुभव हो सकता है।
मंजोर गार्डन (Mandore Garden)
जोधपुर के पर्यटन स्थलों में मंडोर गार्डन की बात ही अलग है। मंडोर का इतिहास 6वी शताब्दी के समय से है जो जोधपुर स्थापित होने के पहले से स्थित है। ये महान पारंपरिक मूल्यों को समायोजित करने का काम करता है और अपने आप में वास्तुकला का एक उत्कृष्ट नमूना है। ये पार्क जोधपुर के उत्तर में मंडोर शहर से 9 किलोमीटर की दूरी पर है जो मारवाड़ के महाराजाओं की पूर्व राजधानी है। बगीचे में एक सरकार म्यूजियम भी है जो कलाकृतियों और पुराने अवशेषों से भरी है। मंडोर गार्डन के ये सभी आकर्षण और रोमांच से परिपूर्ण है।
जसवंत थाडा (Jaswant Thada)
राजस्थान के जोधपुर में जसवंत थाड़ा का एक शानदार स्मारक बनाया गया है। साल 1899 में उनके बेटे महाराजा सरदार सिंह ने अपने पिता महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय के सम्मान में ये बनवाया था। ये आजतक मारवाड़ शाही परिवार के लिए शमशान घाट के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। जसवंत थाड़ा जोधपुर के कई शानदार पहाड़ियों के बीच स्थित है और इसे मारवाड़ का ताजमहल भी कहते हैं जो दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित करता है।
बालसमंद झील (Balsamand Lake)
जोधपुर से 5 किमी दूरी पर बेलसमंद झील स्थित है और इसे 1159 ईस्वी में गुर्जर-प्रतिहार शासकों ने बनवाया था। महाराजा सुर सिहं जो एक कृत्रिम झील के निर्माता ते उनको उनकी त्रुटिहीन सेवाओं के बदले राजा की उपाधि दी जाती थी। हरे-भरे बगीचों से घिरे, इसमें आम, पपीता, अनार जैसे कई पेड़ लगाए गए हैं। आप इस झील के पानी के पास लंबे समय तक टहल सकते हैं और आप बालसमंद पैलेस के रेस्टोरेंट में बैठकर सुंदर झील में सूर्यास्त को देख सकते हैं।
खेजड़ला किला (Khejarla Fort)
17वीं शताब्दी में बनाए गए खेजड़ला किला बहुत ही प्राचीन है जिसे भारत के राजों और रानियों के शानदार महलों के रूप में जाना जाता है। यह ग्रेनाइट पत्थर और लाल बलुआ पत्थर से बना है जो राजपूत वास्तुकला का तत्व है। विरासत का ये किला उन लोगों के लिए एक आदर्श माना जाता है जो छुट्टी का आनंद लेते हुए भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एहसास कराता है।
राव जोधा डिजर्ट रॉक पार्क (Rao Jodha Desert Rock Park)
साल 2006 में प्रसिद्ध मेहरानगढ़ किले के किनारे राव जोधा डिजर्ट रॉक पार्क बनाया गयाय़ इस पार्क को बनाने का उद्देश्य यहां की खूसूरती से पर्यटकों को आकर्षित करना था। इस इकोपार्ट में करीब 200 अलग-अलग तरह के पौधे लगाए गए हैं और इस पार्क में देसी पौधों की नर्सरी भी है जहां रेगिस्तान और चट्टानों में पाए जाने वाले फूल और बीज मिलते हैं। ए रोप वे पार्क के आसपास सालाना मानसून के दौरान लगाए जाते हैं और मेहमानों के लिए पौधों के बारे में और पार्क के बारे में जानकारी भी खास तरह से दी जाती है। इस पार्क में अपनी संस्कृति को बनाए रखने और अपने शहर को जीवित रखने के प्रयस में जोधपुर के नागरिकों के लिए एक खास जगह है।
मसूरिया हिल गार्डन (Masuriya Hill Garden)
जोधपुर में महाराणा प्रताप की प्रतिमा हर तरफ बनी है और ये बेहद खूबसरूत है। इसी प्रतिमा के साथ ही कई खूबसूरत फूलों से बना मसुरिया गार्डन जोधपुर Jodhpur में देखने लायक है। लोगों के लिए पार्क छोटे परिवार के पिकनिक या इवनिंग वॉक के लिए शानदार जगह है। जो लोग प्रकृति से प्रेम करते हैं तो उन्हें एक बार यहां जरूर आना चाहिए क्योंकि यहां पर समय बिताना आपको जरूर पसंद आएगा।
कायलाना झील (Kaylana Lake)
जोधपुर शहर के पश्चिम में करीब 8 किलोमीटर की दूरी पर कायलाना झील स्थित है जो एक कृत्रिम झील है। यह राजस्थान राज्य में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली झील है जहां पर पर्यटक ज्यादा आते हैं और ये करीब 84 वर्ग किलोमीटर की भूमि में फैली हुई है जो जोधपुर आने वाले प्रत्येक पर्यटक के लिए एक मनोरम स्थान माना जाता है। यह झील पक्षियों की कुछ विदेशी प्रजातियों का खूबसूरत घर है और ये आपको बहुत ही मनोरम लगेगा। जोधपुर की रियासत काल में प्रताप सिंह द्वारा निर्मित इस झील का परिवेश जंगली भालू और अन्य जानवरों से भरा हुआ है लेकिन ये आपको नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। सर्दी के मौसम में यहां आना बेहद खूबसूरत है।