हम जब भी गर्मी की छुट्टी का प्लान करते है। तो सबसे पहले कुलु मनाली, नैनीताल, लेह, शिमला आदि जगहों का ख्याल मन में आता है। इन जगहों को लगभग हर कोई देख चूका है। आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे। जहां आपको भीड़ भी कम मिलेगी और देखने में भी मजा आएगा। इस जगह का नाम कोटागिरी हिल है। यदि आप एडवेंचर लवर है। तो आपको ये जगह बहुत ज्यादा पसंद आएगी।
कोटागिरी हिल नीलगिरि जिले में स्थित है। इसे कुन्नूर और ऊटी की श्रेणी में रखा गया है। इसकी समुंद्र तल से 1793 मीटर की उचाई है। कोटागिरी का मतलब है कोटा के पहाड़। कोटागिरी में शिल्पियों की एक जाति सदियों से निवास करती है। लेकिन अभी उनकी संख्या पिछले वर्षो से कम होती जा रही है। यदि आप ट्रैकिंग करने के शौकीन है। तो यह आपके के लिए एक बेहतरीन जगह है। यहां की कुछ लोकप्रिय ट्रैकिंग मार्ग – सेंट कैथरीन फाल्स मार्ग, कोटागिरी- कोडानाड मार्ग तथा कोटागिरी- लांगवुड शोला मार्ग आदि है।
यदि आप कोटागिरी हिल घूमने जाते है। तो इन स्थानों पर घूमना न भूले, जैसे व्यू पौइंट, कैथरीन फौल्स, लौन्गवुड शोला, जान सुलिवन मेमोरियल, नीलगिरीस संग्रहालय, नेहरू पार्क, स्नोडेन चोटी। व्यू पौइंट से आपको एशिया का सबसे बड़ा मिट्टी से बना बांध देखने को मिलेगा।
कोटागिरी हिल की खूबसूरत जगह (Kotagiri Hills Tourist Places)
कैथरीन फॉल्स: यह एक खूबसूरत वॉटरफॉल है। इसकी उचाई 250 फिट है। अगर आप इसको करीब से देखना चाहते है तो आपको व्यूइंग पैवेलियन जाना पड़ेगा। बारिश के मौसम में ये झरना और भी खूबसूरत नज़र आता है।
रंगास्वामी पीक: इस स्थान को हाइकिंग ट्रेल के नाम से जाना जाता है। यह पर ट्रैकिंग करने के बहुत ही अच्छे ऑप्शन है।
कोटागिरी कैसे जाये
यदि आप एयरप्लेन से जाना चाहते है। तो कोटागिरी के सबसे नजदीक कोयंबटूर एयरपोर्ट लगता है। यहां से कोटागिरी हिल मात्र 47 किलोमीटर ही दूर है। अगर आप ट्रैन से यात्रा करना चाहते है। तो सबसे करीबी रेलवे स्टेशन कुन्नूर है। यहां कोटागिरी हिल मात्र 29 किलोमीटर दूर है। इसके अलावा आप लोग ऊटी से कोटागिरी जा सकते है।
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