The Eyes of Darkness: पूरी दुनिया में लोगों के दिलों में एक डर पैदा करने वाला कोरोना वायरस चीन के बाद धीरे-धीरे हर देश में अपना पाँव पसारता नजर आ रहा है। भारत में बीते कुछ दिनों में इसके मरीजों में लगातार इजाफ़ा हो रहा है। लोगों में इस वायरस को लेकर दहशत इतना ज्यादा है कि, लोग घर से बाहर निकलने से भी डरने लगे हैं। इससे जुड़ी एक ख़ास बात सामने आई है। असल में लेखक डीन कूँट्ज़ की लिखी एक किताब में साल 2020 में कोरोना वायरस के फैलने की भविष्यवाणी चालीस साल पहले ही कर दी थी। लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है इसकी जानकारी काफी लोगों को नहीं है। आज इस इस आर्टिकल में हम आपको इस किताब में लिखी कोरोना वायरस से संबंधित जानकारी का सच सामने ला रहे हैं।
क्या लिखा था डीन कूँट्ज़ की किताब में (Dean Koontz Book ‘The Eyes of Darkness’)


कोरोना वायरस की भविष्यावाणी में कितनी सच्चाई है (The Eyes of Darkness)
डीन कूँट्ज़ द्वारा लिखी इस किताब में जिस वायरस के बारे में बताया गया है, वो वुहान 400 है जो कि, पूरी तरह से काल्पनिक है। बता दें कि, इसकी तुलना कोरोना वायरस से नहीं की जा सकती है क्योंकि दोनों में काफी अंतर है। यहाँ हम आपको कुछ तथ्यों के माध्यम से इन दोनों के बीच के अंतर को समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
- डीन कूँट्ज़ के अनुसार इस किताब में जिस वायरस के बारे में बताया गया है उसका इन्क्यूबेशन पीरियड 24 घंटे का बताया गया है। जबकि कोरोना वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड करीबन 14 दिनों का है।
- किताब के अनुसार वुहान वायरस से लोगों की मृत्यु दर सौ प्रतिशत बताया गया है, जबकि कोरोना वायरस का मृत्यु दर काफी कम है।
- किताब में वायरस के चपेट में इंसान के आने के बाद उसकी मृत्यु महज 24 घंटे के अंदर होने के बारे बताया गया है, जबकि कोरोना वायरस धीरे-धीरे व्यक्ति को अपने चपेट में लेती है।
- WHO के अनुसार किसी भी वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड पांच दिनों का बताया गया है, जाहिर है कि, किताब में जिस वायरस की बात की गई है वो काल्पनिक ही है और उसका कोरोना वायरस से कोई संबंध नहीं है।
- वुहान वायरस के लक्षणों की बात करें तो किताब में बताया गया है कि, ये ब्रेन को प्रभावित करेगा जबकि कोरोना वायरस व्यक्ति के श्वास नली को प्रभावित करता है।
बहरहाल इन तथ्यों के माध्यम से अब आप जान चुके होंगें कि, डीन कूँट्ज़ की किताब में जिस वायरस का ज़िक्र है वो कोरोना वायरस से काफी अलग है। किसी भी काल्पनिक चीज को वास्तविक से जोड़कर देखना महज बेवकूफ़ी के अलावा और कुछ नहीं हो सकता है। इसलिए अफवाहों पर ध्यान ना देते हुए तथ्यों पर ध्यान दें और खुद को सुरक्षित रखने का पूरा प्रयास करें।