Coorg resort makes guests pay for wasting food: दुनियाभर में खाने की बर्बादी एक विकराल समस्या के रूप में उभर कर सामने आई है। खेतों में अनाज के उगाने से लेकर इसके थाली तक पहुंचने के दौरान कदम-कदम पर अनाज की बर्बादी होते हुए देखा जा सकता है। एक अनुमान यह बताता है कि दुनिया भर में 1.3 अरब टन खाना हर साल बर्बाद हो जाता है। भारत में ही हर वर्ष लगभग 50 करोड़ का खाना बर्बाद होता है। यही नहीं, दुनिया का 25 फ़ीसदी पानी जिस अनाज को उगाने में इस्तेमाल में आता है, दरअसल वह हमारी थाली तक तो पहुंच ही नहीं पाता है। इस धरती पर करीब 82 करोड़ लोग ऐसे हैं, जो भूख का शिकार हैं। वैश्विक भूख सूचकांक की बात की जाए तो भारत इसमें 102वें स्थान पर है। इससे बेहतर स्थिति में तो इसके पड़ोसी मुल्क जैसे कि नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका हैं।
चर्चा में कुर्ग का रिजॉर्ट
खाने की इस बर्बादी को रोकने के लिए दुनियाभर में प्रयास किए जाने की जरूरत है। भारत में एक ऐसा ही प्रयास देखने को मिल रहा है। कर्नाटक (Karnataka) के कुर्ग की खूबसूरत पहाड़ियों के बीच एक रेस्टोरेंट्स स्थित है, जिसने खाने की बर्बादी को रोकने के लिए एक अनूठी पहल की है, जो चर्चा का विषय बन गई है। जी हां, इबनी स्पा एंड रिसॉर्ट मैं जो मेहमान पहुंचते हैं, यहां यदि वे थाली में लिए गए खाने की बर्बादी करते हैं तो उनसे जुर्माना वसूला जाता है। यहां साफ लिखा हुआ है कि आप थाली में उतना ही खाना लीजिए, जितना आप खा सकते हैं। यदि आपने थाली में खाना बर्बाद किया तो जितना खाना आप बर्बाद कर रहे हैं, उसके मुताबिक आपको जुर्माना भरना पड़ेगा।
जुर्माने की दर
इसे रिजॉर्ट में 10 ग्राम खाने की बर्बादी के बदले 100 रुपये वसूले जाते हैं। जुर्माने से जो रकम प्राप्त होती है, इसे एक अनाथालय को दे दिया जाता है, जहां रहने वाले बच्चों के लिए इससे खाने का प्रबंध होता है। रिजॉर्ट का यह कदम बेहद कारगर साबित होता हुआ दिख रहा है। पहले के मुकाबले यहां खाने की बर्बादी बहुत कम हो गई है। बताया जाता है कि पहले यहां बर्बाद हुए खाने के लिए 14 डस्टबिन रखे जाते थे, लेकिन अब केवल एक ही डस्टबिन में यहां काम चल जा रहा है।
ऐसे आया आइडिया
रिजॉर्ट के अधिकारियों के हवाले से एक अंग्रेजी अखबार में इस बारे में खबर प्रकाशित की गई कि रिजॉर्ट में लोगों को बर्बाद हुए खाने को कमपोस्ट करने के लिए ओवरटाइम करना पड़ रहा था। इस समस्या से निजात पाने के लिए पहले तो उन्होंने थाली में खाने की मात्रा कम कर दी, लेकिन लोग दोबारा खाना लेकर छोड़ने लगे। इसके बाद उन्होंने खाने की बर्बादी के बदले पैसे वसूलने शुरू किए। ग्राहकों के सामने ही उन्होंने बर्बाद खाने का वजन तोलना शुरू कर दिया। चेकआउट के समय प्रति 10 ग्राम खाने की बर्बादी के हिसाब से 100 रुपये के दर से जुर्माने की राशि वसूल ली जाती है। दान पेटी में सीधे यह पैसा चला जाता है। रिजॉर्ट के अधिकारियों के अनुसार मेहमान इसकी आलोचना नहीं करते हैं, बल्कि वे इसकी तारीफ ही कर रहे हैं।
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फिदा हो गया सोशल मीडिया
सोशल मीडिया पर भी रिजॉर्ट की इस मुहिम की जमकर सराहना की जा रही है। यहां तक कि प्रसिद्ध उद्योगपति हर्ष गोयंका ने भी इसके बारे में ट्वीट किया है और रिजॉर्ट के इस कदम को सराहनीय बताया है। सोशल मीडिया पर बाकी यूजर्स भी खाने की बर्बादी को रोकने के लिए इस रिजॉर्ट द्वारा उठाए गए कदम से खुश नजर आ रहे हैं और इसे एक प्रेरक कदम बता रहे हैं।