लोकसभा के बाद अब सरकार को नागरिकता संशोधन विधेयक राज्यसभा में भी पास करवाने में कामयाबी मिल गई है। इस विधेयक को कानून में तब्दील करने के लिए अब केवल राष्ट्रपति के हस्ताक्षर की जरूरत है। लेकिन राज्यसभा में भी बिल के पास होने के बावजूद कांग्रेस शांत होती नहीं दिख रही है। अब देश की मुख्य विपक्ष पार्टी के रूप में मौजूद कांग्रेस इस विधेयक को कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में है। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि निकट भविष्य में कोर्ट में इस विधेयक को चैलेंज किया जाएगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कांग्रेस ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों में इस बिल का विरोध करने के में कोई कसर नहीं छोड़ा।
कांग्रेस पार्टी के मुताबिक सरकार इस बिल के जरिए देश के मुसलमानों के साथ भेदभाव कर रही है। लेकिन गृह मंत्री अमित शाह का इस पर यह जवाब है कि इस विधेयक का भारत के मुसलमानों से कोई लेना देना नहीं है। इस विधेयक को लाने का मकसद केवल इतना है कि दूसरे देशों में सताए जा रहे, हिंदू बौद्ध, जैन, सिख और ईसाई धर्म के लोगों को भारत में शरण देना और यहां का नागरिक बनाना। इस देश में किसी को डरने की जरूरत नहीं है।
सोनिया गांधी ने बताया काला दिन
राज्यसभा में विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस बिल के पास होने वाले दिन को काला दिन करार दिया है। दूसरी तरफ आपको जानकारी दे दें कि इस वोटिंग में भाजपा की पूर्व सहयोगी और महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी की सहयोगी शिवसेना ने वोटिंग नहीं किया है। शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत का कहना है कि शरणार्थियों को नागरिकता दी जानी चाहिए यह ठीक भी है लेकिन उन्हें वोटिंग का अधिकार नहीं मिलना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा-ऐतिहासिक दिन
राज्यसभा में इस बिल के पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके खुशी जाहिर की है, उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि यह भारत की दया और करुणा के साथ भाईचारे के लिए ऐतिहासिक दिन है। पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा कि इस विधेयक के जरिए वर्षों से प्रताड़ित होते आ रहे लोगों को न्याय मिलेगा। गौरतलब है कि गृह मंत्री ने मुसलमानों को इस बिल में शामिल ना करने के जवाब में कहा था कि पड़ोसी देशों में मुसलमान अल्पसंख्यक नहीं है।