Hatha Yoga Kya Hai: योग बनाए निरोग…..योग हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा है जो न हमें केवल कई शारीरिक बीमारियों से बचा सकता है बल्कि मनुष्य को मानसिक रूप से मज़बूत भी बनाता है। योग के कई प्रकार हैं और हर योग अलग-अलग तरह से काम करता है। हठयोग (Hatha yoga) भी योग का ही एक प्रकार है। जो इंसान के शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के विकास के लिए बेहद ही ज़रूरी है।
कहा जाता है कि ये विश्व की प्राचीनतम प्रणाली में से एक है जिसका इस्तेमाल कई शताब्दियों से किया जाता रहा है। शरीर में संतुलन बनाए रखने के लिए, मन को शांत रखने के लिए हठयोग आवश्यक माना जाता है। माना जाता है कि सबसे पहले भगवान शिव ने हठयोग किया था इसलिए इसकी मुख्य धारा शैव रही है लेकिन बाद में सिद्धों और नाथों ने हठयोग की परंपरा को जारी रखा। गोरखनाथ के अनुयायी हठयोग की साधना करते थे।
हठयोग को अगर नियमित रूप से किया जाए तो इससे आपको कितना फायदा मिल सकता है आप जानते ही नहीं है। लिहाज़ा हम आपको अपने इस आर्टिकल में हठयोग के फायदे और आसन की जानकारी देंगे। सबसे पहले बात हठयोग के लाभ की।
हठयोग के लाभ (Hatha Yoga Benefits)
- हठयोग आपके शरीर के इम्यून सिस्टम को और भी मजबूत बनाता है।
- नियमित रूप से हठयोग करने से टॉक्सिंस शरीर से बाहर निकल जाते हैं।
- जिन लोगों को रीढ़ की हड्डी से संबंधित कोई समस्या होती है तो उनके लिए हठयोग बेहद ही महत्वपूर्ण योगासन है। उन लोगों के लिए ये काफी फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि हठ योग रीढ़ की हड्डी को लचीला रखने में काफी लाभदायक होता है।
- अगर आप तनावग्रस्त रहते हैं तो हठयोग तनाव को दूर रखने में आपकी काफी मदद कर सकता है।
- आपकी ग्रंथियों की कार्यप्रणाली को सही रखने में भी हठयोग सहायक माना जाता है।
हठयोग बहुत सारे योगासन की एक पूरी श्रृंखला है लिहाज़ा अब हम आपको हठयोग के अलग-अलग आसनों की पूरी जानकारी देते हैं। इस लिस्ट में सबसे पहले आता है सूर्य नमस्कार।
हठ योग के आसन (Hatha Yoga Asanas)
- सूर्य नमस्कार – हठयोग में सबसे पहले होता है सूर्य नमस्कार। जिसके ज़रिए सूर्य से बुद्धि को तेज करने की प्रार्थना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि सूर्य नमस्कार से सभी प्रकार के दृष्टि दोष दूर होते हैं। और नज़र तेज़ होती है।
- आसन – अगर आपको शरीर को तमाम समस्याओं से मुक्त करना है तो इस आसन को नियमित रूप से करना चाहिए। इसे रोजाना करने से शरीर मजबूत, हल्का तो बनता ही है साथ शरीर में आलस्य त्यागकर शरीर में स्फूर्ति भी बनी रहती है। कहा जाता है कि इस आसन से मोटापे की समस्या भी नहीं होती।
- ध्यानासन – शरीर को मन से जोड़ने के लिए ध्यानासन किया जाता है। यानि इसमें ध्यान को केंद्रित किया जाता है। जिससे दिमाग को शांति मिलती है तो वहीं मन को नियंत्रित किया जा सकता है। करने में मदद मिलती है। ध्यान को केन्द्रित करने के लिए जिस आसन को किया जाता है उसे ध्यानासन कहा जाता है। ध्यानासन केवल आंख बंद करके ध्यान लगाने की प्रक्रिया होती है।
- मुद्रा – हठ योग की श्रृंखला में कुछ योग मुद्राएं भी होती हैं जिनसे इंसान के मन को आत्मा के साथ जोड़ने का काम किया जाता है।
- बंध – हठयोग में ये सबसे जरूरी योग है। जिसमें शरीर के किसी हिस्से को एक विशेष मुद्रा में बांध कर और सांस रोककर शरीर को स्थिर करके किया जाता है। इससे शारीरिक समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।
- प्राणायाम – ये हठयोग का छठवां योग है जिसके बाद मन तथा इंद्रियां पूर्ण रुप से नियंत्रण में आ जाती है।
- कुंडलिनी जागरण योग – हठयोग श्रृंखला का सबसे आखिरी योग योगासन है। जिसमें शरीर की छुपी हुई शक्तियों को जागृत्त किया जाता है।
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