महमूद जो कि एक प्रख्यात कॉमेडी एक्टर रहे हैं, 1966 में ‘मद्रास टू पांडिचेरी’ नामक तमिल फिल्म का हिंदी रिमेक बनाने में वे लगे हुए थे। फिल्म की कास्टिंग को लेकर उनकी ओर से काम किया जा रहा था कि इसी के संबंध में एक दिन अमिताभ बच्चन अपने बचपन के दोस्त राजीव गांधी को लेकर उनके पास पहुंच गए थे। सबसे पहले महमूद के भाई अनवर से इन दोनों की मुलाकात हुई थी। अनवर दोनों को पहले से जान भी रहे थे। इसलिए उन्होंने ही महमूद से इन दोनों को मिलवा कर इनका परिचय करवाया।
राजीव गांधी को लेकर बोले
इसके बाद बताया जाता है कि अपने ड्रावर से महमूद ने 5000 रुपये निकाले थे और उसके बाद अनवर को देते हुए कहा था कि अमिताभ का जो दोस्त साथ में आया है, उसे वे ये पैसे दे दें। यह सुनकर अनवर बहुत कंफ्यूज हो गए थे कि आखिर पैसे महमूद क्यों दे रहे हैं? तब महमूद ने अनवर को कहा था कि ये जो लड़का अमिताभ के साथ आया है, वह ज्यादा गोरा है और स्मार्ट भी है। आगे चलकर पक्का इंटरनेशनल स्टार बनाने वाला है। अभी से पैसे देकर इसे साइन कर लो। यही हमारी अगली फिल्म करेगा।
बदल कर रख दी जिंदगी
महमूद मैन ऑफ मेनी मूड्स के नाम से हनीफ जावेरी ने एक किताब लिखी है। इसमें उन्होंने बताया है कि कॉम्पोज नाम का एक ड्रग्स उस वक्त महमूद लिया करते थे। जब अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) के साथ उनसे मिलने के लिए गए हुए थे, किताब के मुताबिक उस वक्त भी महमूद ने वही ड्रग्स लिया हुआ था। बाद में अनवर ने महमूद को बताया था कि राजीव दरअसल प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे हैं। इसके बाद महमूद को समझ में आया था और अमिताभ बच्चन को उन्होंने अपनी फिल्म ‘मुंबई टू गोवा’ में कास्ट किया था। अमिताभ की तो इस फिल्म ने जिंदगी ही बदल कर रख दी।
वो मुक्का वाला दृश्य
एक दृश्य में मुंबई टू गोवा में अमिताभ बच्चन को रेस्टोरेंट में बैठे हुए सैंडविच खाते हुए देखा जा सकता है। इसी दौरान शत्रुघ्न सिन्हा एक मुक्का उनके मुंह पर दे मारते हैं और खाते-खाते ही अमिताभ गिर जाते हैं। फिर भी वे तुरंत उठकर लड़ाई करने लगते हैं। फिल्म में शत्रुघ्न सिन्हा ने एक नकारात्मक भूमिका निभाई है। दरअसल यह फिल्म उन्होंने संघर्ष के दिनों में अपना साथ देने वाले दोस्त अमिताभ बच्चन के कहने पर की थी। सलीम-जावेद की जोड़ी इसे देख अमिताभ से बहुत ही प्रभावित हो गई थी।
इंस्पेक्टर विजय खन्ना
धर्मेंद्र और देवानंद ने उस वक्त सलीम-जावेद की फिल्म को करने से इंकार कर दिया था। ऐसे में अमिताभ के पास जावेद अख्तर गए थे। उन्होंने अमिताभ बच्चन से मुंबई टू गोवा के उसी दृश्य की बात की थी, जिसमें कि शत्रुघ्न सिन्हा के मुक्का मारने पर अमिताभ बच्चन गिर जाते हैं, लेकिन गिरने पर भी उनका मुंह चलता रहता है। इस दृश्य से वे इतने प्रभावित हो गए थे कि फिल्म जंजीर में इंस्पेक्टर विजय खन्ना के किरदार के लिए उन्होंने अमिताभ को एकदम परफेक्ट मान लिया था। इस तरह से अमिताभ बच्चन को उनके करियर को नई दिशा देने वाली फिल्म मिल गई थी।
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बस में लग गयी थी आग
अंधेरी में महमूद के घर से फिल्म मुंबई टू गोवा की अंधेरी में शूटिंग शुरू हुई थी, लेकिन मजबूत लाइट लगाने की वजह से बस में आग लग गई थी। ऐसे में यात्रा करते हुए जो शूटिंग करनी थी, अभिनेताओं और फिल्म निर्माताओं के उन अरमानों पर तो पानी ही फिर गया था। इस तरह से बस में जितने भी सिक्वेंस दिखाए गए हैं, उन सभी को मद्रास स्टूडियो के प्रोजेक्शन स्क्रीन पर शूट करने की नौबत आ गई थी। साथ ही बस के बाहर जितने भी दृश्य फिल्म में देखने को मिले हैं, उन्हें कर्नाटक के बेलगाम में शूट किया गया था।