COVID-19 Effect: कोरोना वायरस की वजह से देश भर में चल रहे लॉकडाउन का व्यापक प्रभाव एक तरह से हर चीज पर पड़ा है। जहाँ एक तरफ सभी सरकारी और प्राइवेट ऑफिस को बंद कर दिया गया है, वहीं दूसरी तरफ सभी स्कूल और कॉलेजों को भी जून तक सुरक्षा के मद्देनजर बंद रखा जा सकता है। इस बीच सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि, ऐसी स्थिति में बच्चों का एडमिशन किस प्रकार से होगा। इस बारे में दिल्ली यूनिवर्सिटी की तरफ से एक विशेष जानकारी सामने आ रही है। इस साल दिल्ली यूनिवर्सिटी के एडमिशन प्रोसेस में कुछ व्यापक बदलाव आ सकते हैं। आइये आपको बताते हैं दिल्ली यूनिवर्सिटी में इस साल किस नए प्रोसेस से हो सकता है एडमिशन।
इस साल ऑनलाइन एडमिशन प्रोसेस अपना सकती है DU (DU Make Entire Admission Process Online COVID-19 Effect)
जैसा कि आप सभी जानते हैं 21 दिनों के लॉकडाउन की वजह से दिल्ली सहित देश के अन्य राज्यों के स्कूल कॉलेजों को भी बंद कर दिया गया है। इस बीच बात करें दिल्ली यूनिवर्सिटी की तो यहाँ एडमिशन के लिए लाखों विद्यार्थी अप्लाई करते हैं और ये प्रक्रिया अप्रैल के महीने से शुरू हो जाती है। आपको बता दें कि, इस बार भी 21 दिनों के लॉकडाउन से पहले दिल्ली यूनिवर्सिटी ने एडमिशन प्रोसेस एक अप्रैल से शुरू करना चाहा था लेकिन सूत्रों की माने तो अभी फिलहाल देश की स्थिति को देखते हुए संस्थान ने एडमिशन फॉर्म जारी करने पर 14 अप्रैल तक रोक लगा दी है। इसके बाद भी कब से एडमिशन फॉर्म मिलने शुरू होंगें इस बारे में कोई जानकारी अभी नहीं है। इस बीच ये खबर आ रही है कि, आने वाले दिनों में संभव है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी का एडमिशन प्रोसेस ऑनलाइन कर दिया जाए।
छात्रों को कम से कम कॉलेज आना पड़े इसके ये काम किया जा रहा है (COVID-19 Effect: DU To Make Entire Admission Process Online)
दिल्ली यूनिवर्सिटी की एक प्रोफेसर शोभा बगाई के अनुसार यूनिवर्सिटी के सभी अध्यापकों और प्रिंसिपल को लिखे पत्र में यह बताया गया है कि, एडमिशन प्रोसेस को संभवतः ऑनलाइन किया जाए और स्टूडेंट्स के एडमिट कार्ड का सत्यापन कर उसे यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर सबों के लिए मुहैया करवाया जाए। वर्तमान स्थिति को देखते हुए ये फैसला लिया गया है ताकि स्टूडेंट्स को कम से कम यूनिवर्सिटी आना पड़े। बाकी जहाँ तक सेशन शुरू होने का सवाल है तो ये अब जून के प्रथम हफ्ते से होना ही संभव होगा। गौरतलब है कि, वर्तमान में भारत में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या करीबन सात हज़ार से भी ज्यादा हो गई है। ऐसी स्थिति में सुरक्षा के मानकों को ध्यान में रखना सभी के लिए बेहद आवश्यक है।
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