Air Pollution Coronavirus Covid 19 Higher Death Rates: कोरोना वायरस ने दुनिया भर में एक तरह से आतंक मचाया हुआ है। आज इसकी चपेट दुनिया का लगभग हर देश है। चीन, इटली और अमेरिका में हज़ारों लोगों की अब तक इस वायरस की वजह से जान चुकी है। ऐसे में सभी देशों के वैज्ञानिक इस वायरस पर ख़ास स्टडी कर रहे हैं। हाल ही में इस वायरस पर किये गए शोध से जो बात सामने आई है वो काफी चौंकाने वाली है। एक स्टडी से कोरोना वायरस के एक मुख्य कारण का पता चला है। आइये आपको बताते हैं, आखिर क्या है कोरोना वायरस का वो मुख्य कारण जिस कारण से इसका फैलाव तेजी से हो रहा है।
कोरोना वायरस के फैलाव का एक कारण यह भी हो सकता है (Air Pollution Coronavirus Covid 19 Higher Death Rates)
वैज्ञानिकों की एक टीम के शोध के अनुसार एक नए स्टडी में यह पाया गया है कि, कोरोना वायरस वायु प्रदूषित इलाके में तेजी से फ़ैल सकता है। इस वायरस पर रिसर्च कर रहे वैज्ञानिकों का मानना है कि, प्रदूषित इलाके में यह वायरस काफी तेजी से फ़ैल सकता है। ये शोध हारवर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया है, इस स्टडी में उन्होनें कहा है कि, वायु प्रदूषण असल में आपके फेफड़ों को सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं। केमिकल फैक्ट्री और सड़कों पर चलने वाली गाड़ियों से निकलने वाला हानिकारक कण हवा के साथ मिलकर हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं और विभिन्न बीमारियों का कारण बनते हैं। कोरोना वायरस के केस में ऐसा पाया गया है कि, इस वायरस से पीड़ित रोगियों का प्रदूषित इलाके में रहना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।
वायु प्रदूषण कैसे बना कोरोना वायरस के रोगियों के लिए खतरा (Air Pollution Coronavirus Covid 19)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इस शोध में पाया है कि, वायु प्रदूषण की वजह से कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या में तक़रीबन 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इन शोधकर्ताओं ने अमेरिका में उन जगहों पर रहने वालों पर शोध किया जहाँ कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज थे। वैज्ञानिकों ने पाया कि, वायु प्रदूषित वाले इलाकों में रहने वाले कोरोना से ग्रसित मरीजों की मौत जल्दी हो जाती है। आपको बता दें कि, इस शोध में साफतौर पर यह पाया गया है कि, वायु प्रदूषण का खतरनाक प्रभाव कोरोना से ग्रसित लोगों पर पड़ता है और इस वजह से उनकी मौत का दर भी काफी बढ़ जाता है। हारवर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का इस बारे में कहना है कि, वायु प्रदूषण से फेफड़ों पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है और इसके साथ ही कोरोना वायरस से पीड़ितों को इस दौरान ज्यादा तकलीफ हो सकती है क्योंकी यह वायरस सीधे तौर पर फेफड़ों पर हमला करता है।
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