Lockdown India: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने हेतु लॉकडाउन 3 मई तक घोषित है, लेकिन लॉकडाउन में सबसे ज्यादा नुकसान गरीबों, मजदूरों और हाशिए के समाज को हुआ है। कई लोगों की नौकरियां खत्म हो गई है, जिसकी वजह से लोगों को खाने पीने की भी दिक्कत हो रही है। ऐसे में, इस वक्त गरीब लोगों की जिंदगी पटरी से बाहर जा चुकी है। ऐसे ही एक कहानी 10 साल के एक लड़की की है, जो उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की है, जो घर घर जाकर मास्क बेचती है और अपने घरवालों की जिंदगी चलाती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लड़की का नाम गुलशफा है और वह 10 साल की है। गुलशफा मुरादाबाद के मीना नगर में रहती है। उसके पिता दर्जी हैं और इसी पेशे से से वो अपना घर चलाते हैं, लेकिन कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन के चलते गुलशफा के पिता का सारा काम बंद है। चूंकि वो पेशे से दर्जी हैं, तो उन्होंने अपने घर में अपनी पत्नियों और बेटियों संग कोरोना के संक्रमण काल में प्रयोग होने वाला मास्क बनाना शुरू कर दिया है।
घर-घर जाकर मास्क बेचती है ये बच्ची – Lockdown India
मास्क बनाने की जिम्मेदारी गुलशफा के पिता की है, लेकिन इन मास्क को बेचने की पूरी जिम्मेदारी गुलशफा पर रहती है। गुलशफा घर घर जाकर मास्क बेचती है, जिसकी कीमत 10 रूपए है, लेकिन गुलशफा 2 मास्क लेने पर डिस्काउंट देती है। उदाहरण के लिए यदि आप दो मास्क खरीदेंगे, तो वह आपको 15 रुपये में देगी।
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अपना घर चलाती है गुलशफा
गुलशफा लोगों को मास्क बेचती है, लेकिन कोरोना वॉरियर्स (पुलिसकर्मियों, हेल्थ वर्कर्स) को मास्क मुफ्त में देती हैं। 10 साल की मासूम लड़की अपने घर से साइकिल से हर सुबह निकलती है और पूरे दिन भर मास्क बेचती है, लेकिन शाम में जब वो घर पहुँचती है, तो उसके पास 50-100 रूपए से अधिक नहीं होते हैं।
लोगों के लिए मिसाल बन चुकी हैं गुलशफा
ऐसी कहानी सिर्फ गुलशफा की ही नहीं है, बल्कि देश में बहुत से लोगों की ये कहानी है। रोज कमाकर खाने वालों को लॉकडाउन के दौरान काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। लॉकडाउन से पहले भी उनके पास कुछ खास नहीं था और लॉकडाउन के चलते हुए बंद ने इन लोगों की कमर तोड़ कर रख दी है।