Oxygen Therapy for treatment of Coronavirus: इस बात से सभी वाकिफ होंगें कि वर्तमान में भारत कोरोना संक्रमण के मामले में दुनिया का नंबर वन देश बन गया है। लेकिन इसके वाबजूद भी भारत ने इस वायरस से लड़ने के लिए काफी दृढ़ता दिखाई है। इस खतरनाक वायरस से बचाव के लिए एक ऐसी थेरेपी का इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे मृत्यु दर में काफी कमी आई है। आइये जानते हैं कौन सी है ये थेरेपी और क्या हैं इसके फायदे।
कोविड-19(Covid-19) के इलाज में इस थेरेपी का किया जा रहा है इस्तेमाल
एबीपी न्यूज़ की एक रिपोर्ट के अनुसार कोविड-19(Covid-19) के इलाज में “ऑक्सीजन थेरेपी”(Oxygen Therapy) को काफी ज्यादा लाभकारी माना जा रहा है। इस थेरेपी का इस्तेमाल महाराष्ट्र के जालना में कई मरीजों पर किया गया जिससे वहां मृत्यु दर में काफी कमी देखी गई है। इस दौरान कोरोना से संक्रमित मरीजों को लिक्विड ऑक्सीजन(Oxygen Therapy) संयंत्रों से ठीक करने की कोशिश की गई जिसमें सफलता हासिल हुई है। जानकारी हो कि, कोविड-19(Covid-19) के इलाज के लिए एक सरकारी अस्पताल में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्री राजेश टोपे ने ऑक्सीजन संयंत्रों को स्थापित कर 15 अगस्त को इसका उद्घाटन किया था। इस संदर्भ में विशेष जानकारी देते हुए सिविल सर्जन अर्चना भोंसलें का कहना है कि, “ये हॉस्पिटल एक बार में करीबन सौ मरीजों को ऑक्सीजन की सुविधा देता है।” ऑक्सीजन थेरेपी के बारे में जानकारी देते हुए उन्होनें कहा है कि, कोविड-19 से लड़ने में यह थेरेपी काफी मददगार है। मिली जानकारी के अनुसार इस जिले में शुरुआत में कोरोना से मृत्यु दर 4.5 थी। लेकिन ऑक्सीजन थेरेपी का इस्तेमाल करने के बाद यहाँ मृत्यु दर घटकर 2.8 प्रतिशत के करीब पहुंच गई है। इसके साथ ही कोविड-19 से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में भी काफी वृद्धि हुई है। डॉक्टर भोंसलें की माने तो यहाँ कोरोना से रिकवरी दर अब करीबन 71 प्रतिशत तक है।
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कैसे काम करता है ऑक्सीजन थेरेपी(Oxygen Therapy)
कोरोना के मुख्य लक्षणों में सांस लेने में दिक्कत होना भी शामिल है। इस लक्षण के बढ़ जाने पर गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है, इस स्थिति को हाइपोक्सिया यानी शरीर में ऑक्सीजन लेवल में होने वाली कमी कहते हैं। ऐसे मरीजों में ऑक्सीजन थेरेपी के माध्यम से शरीर में खून के ऑक्सीजन(Oxygen Therapy) का लेवल बढ़ाया जाता है, इससे मरीज को सांस लेने में आसानी होती है। महाराष्ट्र के जालना जिले में कोविड के इलाज के लिए इसी थेरेपी का इस्तेमाल किया जा रहा है। जालना जिले में कोरोना के चार हज़ार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। लेकिन गनीमत है कि इस थेरेपी की मदद से अब तक तीन हज़ार से ज्यादा लोग इस वायरस की चपेट से मुक्त हो गए हैं। हालाँकि इस दौरान कोरोना(Coronavirus) से मरने वालों की संख्या लगभग डेढ़ सौ बताई गई है।