MGNREGA Workers: मनेरगा अधिकारियों ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के तहत कार्यकर्ताओं ने बुधवार दोपहर को उन्नाव जिले के कान्हाऊ गांव(Kanhau Village) में एक नए पंचायत भवन की नींव खोदते हुए 19 वीं सदी के चांदी और पीतल के सिक्कों वाला एक घड़ा पाया है। आइये इस खबर पर एक नजर डालते हैं।
साल 2013 में भी यहाँ की गई थी खुदाई
जानकारी हो कि, यह खोज उन्नाव के दौंडिया खेड़ा में करीब सात साल बाद हुई है। बता दें कि, अक्टूबर 2013 में एक व्यापक खजाने की खोज के गवाह बने कान्हाऊ गांव में जब एक व्यक्ति शोभन सरकार ने कहा कि उसने सपना देखा था कि 19 वीं शताब्दी के राजा के किले के नीचे 1,000 टन सोना दफन है। इसके बाद वहां खजाने की खोज शुरू कर दी गई थी लेकिन 15 दिनों के बाद उसे बंद कर दिया गया था।
मनेरगा(MGNREGA) मजदूरों में घड़ों को लेकर हुई लड़ाई
बुधवार को खुदाई में पाए गए सिक्के साल 1862 के हैं, इनपर उस साल की छाप भी है । इस बारे में उपखंड मजिस्ट्रेट (एसडीएम), सफीपुर, राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि 17 चांदी और 287 कांस्य के सिक्के पाए जाने के बाद सफीपुर कोषागार में जमा कर दिए गए हैं। अधिकारियों ने कहा कि जिन मजदूरों को घड़ा मिला था, वे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के तहत काम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि घड़े पर ठोकर लगने के बाद श्रमिकों के बीच लड़ाई हुई और इसके अंदर सिक्के पाए गए।
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मजदूरों ने कथित तौर पर कुछ सिक्के अपने कब्जे में ले लिए और घटनास्थल से भाग गए। इसी बीच, किसी ने असिवन पुलिस को सूचित किया, जिसने छापेमारी की और श्रमिकों से सिक्के बरामद करने में कामयाबी हासिल की। प्रसाद ने कहा, “हमें अभी भी लगता है कि श्रमिकों के पास और भी सिक्के हो सकते हैं उन्हें जल्द ही बरामद किया जाएगा।”