किसानों का आंदोलन अभी भी तेज गति से जारी है और कृषि कानून को वापस लेने की मांग पर किसान अड़े हुए हैं। लिखित में उन्होंने सरकार के सामने अब अपनी मांगें भी रख दी हैं।
पहली और दूसरी मांग
किसानों ने जो 6 मांगे रखी हैं, उनमें से सबसे पहली मांग यह है कि तीनों कृषि कानूनों(Kisan Bill) को सरकार तुरंत वापस ले। किसानों की दूसरी मांग उनके लिए एमएसपी(Minimum Support Price) यानी कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी बनाने की है।
तीसरी और चौथी मांग
एमएसपी को फिक्स करने के लिए स्वामीनाथन फार्मूले को लागू किए जाने को किसानों ने सरकार के सामने अपनी तीसरी मांग के रूप में रखा है। किसानों ने सरकार के सामने चौथी मांग यह रखी है कि एनसीआर यानी कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण एक्ट(Air Prevention And Control Of Pollution Act) में किए गए बदलाव को वापस ले लिया जाए।
पांचवीं और छठी मांग
किसानों की एक प्रमुख और पांचवी मांग यह है कि खेती के लिए डीजल के मूल्य में 50 फ़ीसदी की सरकार कटौती करे। इन सबके अलावा किसानों ने अंतिम और छठी मांग यह रखी है कि देशभर में किसान नेताओं के साथ एक्टिविस्ट, वकीलों और कवियों पर जो केस दर्ज किए गए हैं, उन्हें सरकार तत्काल वापस ले ले।
किसानों को मनाने की सरकार की तरफ से भरसक कोशिशें की जा रही हैं और अब तक तीन दौर की बातचीत किसानों व सरकार के बीच हो चुकी है। हालांकि, चर्चा अब तक अधूरी ही रही है।
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और आक्रामक होगा आंदोलन
अपनी मांगों को लिखित में देने के बाद किसानों ने साफ कह दिया है कि आज की बैठक में भी यदि कोई हल नहीं निकलता है, तो ऐसे में किसान अपने आंदोलन को और आक्रामक बनाएंगे।